गैरसैण(चमोली)–
जम्मू के राजौरी कोटरंगा सब डिवीजन केसरी हिल क्षेत्र में शहीद हुए कुनीगाड़ गांव (गैरसैंण) के रूचिन सिंह रावत का रविवार को उनके पैतृक महादेव घाट पर सैन्य सम्मान के साथ सुबह करीब 12.30 बजे अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान हजारों लोगों ने शहीद को अश्रुपूर्ण विदाई देकर उनको नमन किया।सुबह करीब 10.30 बजे रूद्रप्रयाग से सेना के जवान शहीद रूचिन सिंह के पार्थिव शरीर को लेकर कुनीगाड़ गांव पहुंचे। लगभग एक घंटे तक परिजनों और वहां पहुंचे लोगों ने शहीद के अंतिम दर्शन किए। उसके बाद 11.30 बजे शहीद रूचिन सिंह के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए महादेव घाट ले जाया गया।इस दौरान भारत माता की जय, वंदे मातरम और शहीद रूचिन सिंह अमर रहे…के नारों से पूरा घाट गूंज पड़ा। सेना के जवानों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले वीर जवान को सलामी दी। इस मौके पर विधायक अनिल नौटियाल, भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश मैखुरी, हरिकृष्ण भट्ट, डॉ. अवतार नेगी, हीरा फनियाल, गंगा पंवार, लीलधर जोशी, कुनीगाड़ की प्रधान सीता देवी सहित हजारों लोगों ने शहीद को अंतिम विदाई दी।
पार्थिव शरीर से लिपट पड़े दादा-दादी, माता-पिता, भाई-बहन और पत्नी
शहीद रूचिन सिंह रावत पिछले साल अक्तूबर माह में अपने गांव कुनीगाड़ आए थे। उन्होंने जल्द अपने बुजुर्ग दादा, दादी और माता-पिता को फिर से घर आने का भरोसा दिया था। लेकिन अपने लाडले के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लिपटा देख पूरे गांव मातम पसर गया।
प्राथमिक शिक्षा अपने गांव प्रावि कुनीगाड़ से प्राप्त करने के बाद शहीद रूचिन सिंह रावत ने जीआईसी भंडारीखोड़ से इंटर की परीक्षा पास की थी। फिर कुछ समय बाद वे सेना में भर्ती हो गए। उनके चाचा सुरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि हंसमुख स्वभाव के रूचिन में बचपन से ही देशभक्ति का जज्बा था। पढ़ाई के दौरान भी वे देश की रक्षा के बारे में सोचते थे।
करीब 13 साल पहले वे सेना में भर्ती हुए थे। सीमा पर देश की रक्षा में दिन-रात जुटे रहने के बावजूद उनको अपने गांव से बेहद प्रेम था। वे घर आकर गांव में लोगों से जरूर मुलाकात करते थे। तिरंगे में घर पहुंचे शहीद के पार्थिव शरीर को देख परिजनों को विश्वास नहीं हो रहा है कि अब उनका लाडला इस दुनियां नहीं रह गया है। दादा-दादी, माता-पिता बेसुध होकर रूचिन को बुला रहे हैं। उनका एक चार साल का बेटा है। शहीद के भाई नौसेना में भर्ती हैं, जबकि बहन की शादी हो गई है.