देहरादून -रुड़की मे एक संकरी गली में चल रही फैक्टरी में आग लगने के बाद करीब 40 मिनट तक तेज धमाके होते रहे। इससे पूरी गली और आसपास के इलाके में दहशत फैल गई। फैक्टरी के बगल में बने मकान में रहने वाले परिवार ने किसी तरह बाहर निकलकर जान बचाई। आग की सूचना पर मौके पर हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा हो गए।सोमवार सुबह जिस समय आग लगी उस समय घरों में लोग अपने कामकाज में लगे थे।
फैक्टरी के पास आसपास के दुकानदार अपनी-अपनी दुकानों पर मौजूद थे। करीब 11.30 बजे धमाके शुरू हुए तो लोग दहशत में आ गए और घरों की छतों व बाहर निकल गए। आग इतनी भीषण थी कि पड़ोस के मकानों में गर्माहट आ गई।आग से दीवार और घरों की छत न गिर जाए इसके डर से पड़ोस में रहने वाला एक परिवार दहशत से बाहर निकलकर गली में आ गया। वहीं, जिस जगह फैक्टरी चल रही थी उसके पास ही बनीं पांच दुकानों में सरसों के तेल समेत अन्य सामान के भी गोदाम थे। आग की चपेट में ये गोदाम भी आ गए। उनमें रखा अधिकतर सामान जलकर राख हो गया। इसके अलावा दीवारें भी भरभराकर नीचे गिर गई।आग इतनी भीषण थी कि छत के ऊपर बने पीतल के बर्तनों के गोदाम तक भी पहुंच गई। आग से पीतल के बर्तन भी पिघल गए। गोदाम के बाहर लगा टिनशेड भी पिघल गया जबकि छत पर रखा कबाड़ का सामान भी पूरी तरह जलकर राख हो गया। वहीं, पुलिस ने जिस जगह हादसा हुआ है, उस जगह बने सभी गोदाम मालिकों की सूची तैयार की है।जिस फैक्टरी में धमाका हुआ है उस गोदाम के पास ही मांझे और रंगों की दुकान में तीन गैस सिलिंडर भी रखे थे।
आग लगने के दौरान मौके पर मौजूद लोगों ने किसी तरह उन्हें बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। आग सिलिंडर तक पहुंच जाती तो हादसा और भयानक हो सकता था।मांझे और रंगों की दुकान में एक गल्ला भी रखा था। बताया जा रहा है कि उसमें दो से ढाई लाख रुपये की रकम रखी थी। आग गल्ले तक पहुंची तो उसमें रखी अधिकतर रकम जलकर राख हो गई। पुलिस ने गल्ले को अपने कब्जे में लिया और फैक्टरी मालिक के घर पहुंचाया। गल्ले में रखे सिक्के वहीं बिखर गए।