रुद्रप्रयाग-केदारनाथ और तृतीय केदार तुंगनाथ यात्रा मार्ग पर प्लास्टिक उन्मूलन के लिए डिजिटल डिपोजिट रिफंड सिस्टम (डीआरएस) के सफल संचालन के लिए रुद्रप्रयाग जिले को डिजिटल इंडिया अवार्ड के लिए चुना गया है।केंद्र सरकार के संचार एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता के तहत जिले को रजत पदक मिला है। 7 जनवरी 2023 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्वारा जिला प्रशासन व रिसाइकिल संस्था हैदराबाद को यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। दोनों को छह जनवरी को रिहर्सल के लिए नई दिल्ली बुलाया गया है।केंद्र सरकार के संचार एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता के तहत जिले को रजत पदक मिला है। 7 जनवरी 2023 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्वारा जिला प्रशासन व रिसाइकिल संस्था हैदराबाद को यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। दोनों को छह जनवरी को रिहर्सल के लिए नई दिल्ली बुलाया गया है।
बता दें इस वर्ष 6 मई से 27 अक्तूबर तक संचालित हुई केदारनाथ यात्रा में ऊखीमठ तहसील प्रशासन ने प्लास्टिक उन्मूलन के लिए क्यूआर कोड व्यवस्था लागू की थी। 15 अगस्त से 27 अक्तूबर तक गुप्तकाशी से केदारनाथ तक 57 किमी क्षेत्र में प्लास्टिक उन्मूलन के लिए डिजिटल डीआरएस लागू किया गया था। इसके लिए 1181 व्यापारिक प्रतिष्ठानों को 92 हजार 300 क्यूआर कोड स्टीकर मुहैया कराए गए थे। इन स्टीकर को व्यवसायियों द्वारा प्लास्टिक बोतल बंद व पैकिंग वाले पेय पदार्थों पर चस्पा किया गया था।
क्यूआर कोड बोतल व पैकेट की खरीद पर ग्राहक से 10 रुपये अतिरिक्त लिए जा रहे थे जो खाली बोतल व पैकेट या रेपर वापस लाने पर रिफंड किए गए। खाली प्लास्टिक बोतल व पैकेट के संग्रहण के लिए प्रशासन व संस्था द्वारा 14 केंद्र बनाए गए थे जहां पर 33307 खाली प्लास्टिक बोतलें प्राप्त हुईं। सितंबर में चोपता-तुंगनाथ-चंद्रशिला पैदल मार्ग पर भी 287 व्यापारियों को 28400 क्यूआर कोड स्टीकर दिए गए थे। चोपता में बनाए गए संग्रहण केंद्र पर 15200 प्लास्टिक की बोतलें जमा की गई।
उप जिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा ने बताया कि सभी के सहयोग से यह उपलब्धि हासिल हुई है।
वहीं डीएम मयूर दीक्षित ने कहा कि प्रशासन व रिसाइकिल संस्था को डिजिटल इंडिया अवार्ड के लिए चुना गया है जो गौरव की बात है। आगामी यात्रा में द्वितीय केदार मद्महेश्वर यात्रा मार्ग पर भी यह व्यवस्था लागू की जाएगी। इसके लिए ऊखीमठ तहसील प्रशासन की वन विभाग के साथ बैठक हो चुकी है।