पिथौरागढ़। आदि कैलाश और ओम पर्वत के बाद अब पर्यटकों को ओल्ड लिपुपास से भी कैलाश पर्वत के दर्शन कराने की तैयारी की जा रही है। उन्हें ओल्ड लिपुपास से दो किमी ऊपर पैदल जाना होगा। इस संबंध में अनुमति के लिए पर्यटन विभाग की रक्षा मंत्रालय से बातचीत चल रही है। अगर वहां से हरी झंडी मिल गई तो भारतीय पर्यटक और श्रद्धालु आसानी से कैलाश पर्वत के दर्शन कर सकेंगे। 30 और 31 मार्च को पर्यटन विभाग का दल इस मार्ग का निरीक्षण भी करेगा।
चीन से सीमा विवाद के चलते भारतीय श्रद्धालु भारत के रास्ते कैलाश पर्वत के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं। 18 हजार फुट लिपुलेख की पहाड़ियों से कैलाश पर्वत साफ दिखाई देता है। वहां से पर्वत की हवाई दूरी 50 किमी के आसपास है।
पर्यटन विभाग इस बार पर्यटकों को हवाई जहाज से लिपुपास और फिर यहां दो किमी का ट्रैक ऑल ट्रेवल ह्वीकल से कराने की तैयारी कर रहा है। डीएम रीना जोशी ने बताया कि अगर रक्षा मंत्रलाय से हरी झंडी मिल गई तो भारतीय श्रद्धालु आसानी कैलाश पर्वत के दर्शन इस स्थान से कर सकेंगे। संवाद
कोट
पर्यटकों को 18 हजार फुट तक कैलाश पर्वत के दर्शनों के लिए कैसे ले जाया जाएगा इसके लिए 30 और 31 मार्च को मार्ग का निरीक्षण करने के लिए दल रवाना होगा। इसके बाद आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी। -कीर्ति चंद्र आर्य, जिला पर्यटन विकास अधिकारी।
आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा की तैयारी शुरू
आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा हेलीकॉप्टर से कराने के लिए डीएम रीना जोशी ने सेना, आईटीबीपी, एसएसबी और पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने यात्रा को सुगम बनाने के निर्देश दिए।