श्रीनगर। मुजफ्फरनगर रामपुर तिराहा कांड की 31वीं बरसी एवं पृथक राज्य उत्तराखंड आंदोलन के शहीदों को याद किया गया। इस मौके पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर शहीदों के छाया चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके अदम्य साहस एवं बलिदान को नमन किया।
गुरुवार को श्रीयंत्र टापू के पास आयोजित विचार गोष्ठी में प्रदेश में बढ़ते भर्ती घोटालों, माफिया तंत्र, अवैध खनन समेत तमाम मुद्दों पर चर्चा कि गई। कार्यक्रम संयोजक अरुण नेगी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के लिए जो शहीद हुए, जिनका शोषण हुआ उनको आज तक न्याय नहीं मिल पाया है। कहा कि राज्य में राजधानी कहां है इस बात का जवाब जनता को नहीं मिल पाया है, इसके साथ ही नेगी ने सरकारों पर शहीदों के अपमान करने का आरोप भी लगाया। नेगी ने कहा कि आज सरकारें शहीद आंदोलनकारियों को भूला देना चाहती है और सरकारों के ऐसे रवैए के कारण ही आज तक राज्य आंदोलन के दौरान शहीद हुए आंदोलनकारियों को न्याय नहीं मिल पाया है।

पारकोट क्षेत्र के क्षेत्र पंचायत सदस्य चंद्रमोहन चौहान ने कहा कि श्रीयंत्र टापू से हमारे दो आंदोलनकारियों को पुलिस ने नदी में फेंक दिया था। जिसमें राज्य आंदोलनकारी यशोधर बेंजवाल एवं राजेश रावत शहीद हो गए थे, लेकिन आज सरकारें उनको याद करने को भी तैयार नहीं है। उन्होंने सरकार से श्रीयंत्र टापू स्थिति गंगा वाटिका पार्क का नाम शहीद यशोधर बेंजवाल एवं राजेश रावत के नाम पर किए जाने की मांग की है। एसएफआई के प्रदेश अध्यक्ष नितिन मलेथा ने कहा कि यूकेएसएसएससी भर्ती घोटालों के लिए सीबीआई जांच का स्वागत है। कहा कि भाजपा सरकार में लगातार पेपर लीक का मामले सामने आए है, लेकिन ठोस कानून होने के बावजूद भी दोषियों पर कड़ी कार्यवाही अमल में नहीं लाई गयी है। उत्तराखंड क्रांति दल के महामंत्री डीडी पंत ने कहा कि जब तक हम संगठित होकर काम नहीं करेंगे,तब तक राष्ट्रीय दलों से अपने अधिकार लेना मुश्किल है। इस मौके पर मलेथा के सामाजिक कार्यकर्ता अचल नेगी, अभिषेक नेगी, खुशीराम जोशी, अनिल तिवारी, नितिन नेगी, रविन्द्र, जसवीर नेगी, सुनीता रावत, हेमंती नेगी, अंकित, दीपक सहित आदि मौजूद थे।