गैरसैंण – दरअसल पूरा मामला गैरसैण क्षेत्र के आगर चट्टी में विगत दिनों हुए बारिश के कारण आए मलबे से जुड़ा है, आपको बता दें यहां पर विगत दिनों भारी बारिश के कारण कई आवासीय मकानों में पानी भर गया एवं कई आवासीय मकानों को भारी क्षति पहुंची लेकिन जहां पत्रकारिता का धर्म होता है कि वह जनता को उसका हक दिलाएं और उनके साथ न्याय के लिए लड़े वही आपको जानकर हैरानी होगी कि उक्त क्षेत्र में खुद को पत्रकार बताने वाला एक व्यक्ति लगातार प्रशासन पर दबाव बना रहा है और सोशल मीडिया पर फेसबुक पेज के बहाने
लगातार इस प्रकार की बातें कर रहा है कि क्षेत्र में कई मकान आवासीय मकान नहीं है जबकि उक्त क्षेत्र में जिन मकानों को नुकसान हुआ है प्रशासन पूर्व में भी उनका निरीक्षण कर चुका है और इस बात की जानकारी वहां के स्थानीय ग्रामीण भी दे रहे हैं कि वहां हर मकान में कोई ना कोई रहता था।
वहीं इस मामले पर जब हमने वहां पर स्थानीय जनप्रतिनिधि
एवं क्षेत्रीय जनता से बात की तो पाया गया कि वहां पर हर मकान आवासीय था यही नहीं स्थानीय जनप्रतिनिधि बलवीर सिंह रावत का कहना है कि कुछ लोग जानबूझकर राजनीतिक कारणों से इस प्रकार का आरोप लगा रहे हैं और प्रशासन पर भी दबाव डाल रहे है कि उनके मकान का मुआवजा ना दिया जाए, जबकि उनका कहना है कि उन्होंने अपने ही क्षेत्र की एक गरीब महिला को उस मकान पर रहने के लिए दिया था और इसी तबाही में उक्त महिला का सभी साजो सामान भी वहां से बह गया वही स्थानीय जनप्रतिनिधि रावत का कहना है कि प्रशासन द्वारा जो मुझे पूर्व में राहत राशि दी गई वह भी मेरे द्वारा उक्त परिवार को दिया गया और अभी भी इस भवन का निर्माण हम उन्हीं के लिए करवा रहे हैं लेकिन खुद को पत्रकार कहने वाला व्यक्ति राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते इस प्रकार की बयान बाजी कर रहा है और पत्रकारिता की आड़ में प्रशासन पर भी दबाव बना रहा है यही नहीं उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि उक्त व्यक्ति राष्ट्रीय पार्टी का पदाधिकारी होने के साथ-साथ पत्रकारिता भी कर रहा है तो इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह किस प्रकार की पत्रकारिता करते होंगे।
वही जब हमने इस मुद्दे पर उस मकान में रह रही महिला से बात
की तो महिला का कहना था कि मैं अपने परिवार के साथ यहीं पर रहा करती थी जहां की एक कमरे में वह खुद और दूसरे कमरे में उनके मवेशी रहते थे वह कहते हैं कि उस दिन हमारे मवेशी भी बहकर काफी दूर तक चले गए थे और सारा सामान भी चले गया था लेकिन जिला पंचायत सदस्य बलवीर रावत द्वारा उस दिन भी उनकी मदद की गई साथ ही उक्त पत्रकार द्वारा लगाए गए आरोपों पर उन्होंने कहा कि,यह सरासर झूठ है कि यह मकान आवासीय नहीं है, जबकि हम यही पर रह रहे थे और इस बात की गवाह यहां के क्षेत्रीय जनता है।