चमोली-नमामि गंगे के सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पर हुई भीषण दुर्घटना में विघुत उपकरणों के संचालन में घोर लापरवाही करने के संबंध में दर्ज मुकदमे में कड़ी पूछताछ के बाद 03 अभियुक्तों पवन चमोला (सुपरवाईजर ज्वांइट वेंचर कम्पनी), महेन्द्र सिंह जयपाल (लाईनमैन उत्तराखण्ड विद्युत विभाग) व हरदेव लाल आर्य (प्रभारी सहायक अभियन्ता उत्तराखण्ड जल संस्थान) को गिरफ्तार किया।
विवेचना के दौरान विद्युत सुरक्षा विभाग, जल संस्थान के अधिकारियों से वार्ता के बाद एवं निरीक्षण घटनास्थल से इस बात की पुष्टि हुयी कि एसटीपी प्लांट को चलाने वाली ज्वांइट वेंचर कम्पनी ज0बी0एम, कॉन्फिडेंट इंजीनियरिंग इण्डिया प्राईवेट लिमिलेट द्वारा नियुक्त सुपरवाईजर पवन चमोला तथा प्लांट के संचालन को देख रहे जल संस्थान के प्रभारी सहायक अभियन्ता हरदेव लाल आर्य तथा ज्वाइंट वेंचर कम्पनी के स्वामियों एवं अधिकारियों ने खतरनाक विद्युत उपकरणों के संचालन में घोर लापरवाही बरती और सुरक्षा मानकों के विपरीत चेंज ओवर को बॉक्स के ऊपर रखा, इस प्रकार पूरे सीवर ट्रीटमेंट प्लांट को टीनशैड एवं विद्युत सुचालक लौह धातु से बनी संरचना में इस प्रकार चलाया जा रहा था जिससे दिनांक 19.07.2023 को करंट लीक होने से जघन्य अपराध मानव वध की घटना घटित हुयी।
विवेचना में एसटीपी प्लांट के संचालन एवं सुपुर्दगी के अनुबंध में गंभीर अनियमितताएं पायी गयी हैं एवं पुलिस टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए घटना में संलिप्त 03 अभियुक्तों को 21जुलाई को बाद कडी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया। घटना में संलिप्त ज्वांइट वेंचर के स्वामी एवं प्रोजेक्ट मैंनेजर एवं अन्य संलिप्त व्यक्तियों के संबंध में विवेचना प्रचलित है साक्ष्य संकलन जारी है।