रुद्रप्रयाग-केदारनाथ पैदल मार्ग पर बीमार व कमजोर घोड़ा-खच्चर का संचालन करने पर संचालक और पशु स्वामी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। साथ ही अर्थदंड भी लगाया जाएगा। यात्रा मार्ग पर पशु चिकित्सक, सेक्टर अधिकारी और म्यूल टॉस्क फोर्स पशुओं की निगरानी करेगी। जिलाधिकारी डाॅ. सौरभ गहरवार ने इस संबंध में निर्देश दिए हैं। वहीं, केदारनाथ घोड़ा-पड़ाव पर 40 लाख की लागत से रेन शेल्टर तैयार किया जाएगा।जिलाधिकारी डाॅ. सौरभ गहरवार ने कहा कि केदारनाथ यात्रा में घोड़ा-खच्चरों से किसी भी तरह की पशु क्रूरता न हो इसके लिए निरंतर निगरानी की जाएगी। डीएम ने यात्रा मार्ग पर संचालित घोड़ा-खच्चरों से जुड़ी पूरी जानकारी पोर्टल पर और सेक्टर अधिकारियों के व्हाट्सएप पर देने को कहा। उन्होंने पशुपालन विभाग से कहा कि पशु चिकित्सक के प्रमाणपत्र के आधार पर पशुओं का संचालन किया जाए। इस मौके पर एसपी डाॅ. विशाखा अशोक भदाणे, सीडीओ नरेश कुमार, सीवीओ डा. अशोक कुमार, प्रभारी अधिकारी मंजू राजपूत आदि मौजूद थे।
पैदल मार्ग पर आठ स्थानों पर मिलेगी घोड़ा-खच्चर की सुविधा
रुद्रप्रयाग। गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर अब श्रद्धालु बीच रास्ते से भी घोड़ा-खच्चर की सेवा ले सकेंगे। इसके लिए डीएम ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी और उप जिलाधिकारी को पोर्टेबल व्यवस्था के तहत पैदल मार्ग पर 8 स्थान चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं जहां से घोड़ा-खच्चर मिल सकेंगे। यहां 5 से 10 घोड़े-खच्चर रहेंगे। इन पशुओं को धूप व बारिश से बचाने के लिए रेन शेल्टर भी बनाए जाएंगे।