नई दिल्ली- 12 जून
लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी भारतीय सेना के नए प्रमुख होंगे. 30 जून को वो जनरल मनोज पांडे की जगह लेंगे.उपेंद्र द्विवेदी ने लंबे समय तक जम्मू-कश्मीर में सेवाएं दी है. इसी साल 19 फरवरी को उपेंद्र द्विवेदी ने थल सेना के उपप्रमुख का पदभार ग्रहण किया था.इससे पहले द्विवेदी 2022-2024 तक उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के पद पर थे. मध्य प्रदेश के रीवा में सैनिक स्कूल के पूर्व छात्र लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी को 1984 में 18 जम्मू और कश्मीर (J&K) राइफल्स में कमीशन दिया गया था. इसके बाद उन्होंने इस यूनिट की कमान संभाली. जनरल ऑफिसर को उत्तरी और पश्चिमी दोनों थिएटरों के संतुलित अनुभव का अनूठा गौरव प्राप्त है।
रक्षा मंत्रालय ने जारी किया बयान⤵️
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी की नियुक्ति में सरकार ने वरिष्ठता के सिद्धांत का पालन किया है। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि वर्तमान में थलसेना के उप-प्रमुख के रूप में कार्यरत लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को सरकार ने अगला थलसेना प्रमुख नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति 30 जून की दोपहर से प्रभावी होगी।
एक माह के लिए बढ़ा था जनरल मनोज पांडे का कार्यकाल⤵️
गौरतलब है कि पिछले महीने सरकार ने अप्रत्याशित कदम उठाते हुए सेवानिवृत्ति से पहले जनरल मनोज पांडे का कार्यकाल एक महीने के लिए बढ़ा दिया था। जनरल पांडे को 31 मई को सेवानिवृत्त होना था। सरकार के इस कदम से ये अटकलें लगाई जा रही थीं कि थलसेना प्रमुख पद के लिए संभवत: लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी की अनदेखी की जा सकती है।
सैनिक स्कूल से पढ़े हैं जनरल द्विवेदी⤵️
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी के बाद थलसेना में वरिष्ठतम अधिकारी दक्षिणी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह हैं। एक जुलाई, 1964 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी 15 दिसंबर, 1984 को सेना में शामिल हुए थे। उन्होंने रीवा स्थित सैनिक स्कूल से शिक्षा प्राप्त की है।
संभाल चुके हैं कई अहम जिम्मेदारी⤵️
मालूम हो कि रीवा सैनिक स्कूल के पूर्व छात्र रहे लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी (Lt General Upendra Dwivedi) को 1984 में 18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स में नियुक्त किया गया था, इस इकाई की उन्होंने बाद में कमान संभाली। उनको उत्तरी और पश्चिमी दोनों थिएटरों के संतुलित इक्सपोशर का अनूठा गौरव प्राप्त है।
विदेश में भी कर चुके हैं काम⤵️
एक जुलाई, 1964 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को 15 दिसंबर, 1984 को भारतीय सेना की इन्फैंट्री (जम्मू और कश्मीर राइफल्स) में कमीशन मिला था। रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, 40 वर्षों की लंबी और प्रतिष्ठित सेवा के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने विभिन्न कमांड, स्टाफ, इंस्ट्रक्शनल और विदेशी नियुक्तियों में काम किया है।
चीन और पाकिस्तान की सीमा पर संचालन का है अनुभव⤵️
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी को चीन सीमा के साथ-साथ पाकिस्तान की सीमा पर भी संचालन का व्यापक अनुभव है।
कई अहम पद पर कर चुके हैं काम⤵️
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी के पास कश्मीर घाटी, भारत-म्यांमार सीमा पर असम राइफल्स सेक्टर, इंस्पेक्टरेट जनरल असम राइफल्स (आईजीएआर, पूर्व) में अपनी बटालियन की कमान संभालने का एक व्यापक अनुभव है। उन्होंने बख्तरबंद ब्रिगेड, सैन्य संचालन महानिदेशालय, सैन्य सचिव शाखा और डिवीजनल और कोर मुख्यालय में स्टाफ ऑफिसर के रूप में काम किया है।
परम विशिष्ट सेवा मेडल से भी हो चुके हैं सम्मानित⤵️
मालूम हो कि लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी के पास रक्षा एवं प्रबंधन अध्ययन में एम.फिल. तथा सामरिक अध्ययन एवं सैन्य विज्ञान में दो मास्टर डिग्री हैं। उन्हें तीन जी.ओ.सी.-इन-सी. प्रशस्ति पत्र भी मिल चुके हैं। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी को परम विशिष्ट सेवा मेडल (Param Vishisht Seva Medal), अति विशिष्ट सेवा मेडल (Ati Vishisht Seva Medal) से भी सम्मानित हो चुके हैं।