रूद्रप्रयाग। 37 वें राज्य वन सेवा प्रवेश प्रशिक्षण (2023-25) के तहत विभिन्न राज्यों के वन सेवा से जुड़े अधिकारियों ने गढ़वाल विवि के उच्च शिखरीय पादप कार्यिकी शोध केंद्र (हैप्रेक) के तुंगनाथ स्थित आदित्य नारायण पुरोहित शोध केंद्र का निरीक्षण किया। इस दौरान प्रशिक्षु अधिकारियों ने हैप्रेक द्वारा नर्सरी में उगाई गई उच्च ऊंचाई वाले औषधीय एवं सगन्ध पादपों के बारे में जानकारी ली। गुरूवार को केंद्रीय अकादमी राज्य वन सेवा भारत सरकार (एफआरआई) देहरादून के नेतृत्व में विभिन्न राज्यों के वन सेवा के अधिकारियों ने हैप्रेक संस्थान की तुंगनाथ स्थित फील्ड स्टेशन का दौरा किया।
इस दौरान हैप्रेक संस्थान के निदेशक डा. विजयकांत पुरोहित के दिशा निर्देशन में डा. सुदीप सेमवाल, डा. प्रदीप डोभाल और करण सिंह रौथाण ने उच्च ऊंचाई वाले औषधीय एवं संगन्ध पादपों के बारे में जानकारी दी। वन सेवा से जुड़े अधिकारियों ने हैप्रेक संस्थान के शोधार्थी द्वारा वैज्ञानिक विधि से उगाई गई संगन्ध एवं औषधीय पादपों के बारे में बारीकी से जानकारी ली गई। साथ ही जलवायु परिवर्तन से जड़ी-बूटियों पर पड़ने वाले प्रभावों एवं उनके संरक्षण और कृषिकरण के बारे में जानकारी जुटाई गई। मौके पर टीम का नेतृत्व कर रहे आईएफएस अमलेंदु पाठक ने संस्थान की ओर से जुड़ी-बूटी के क्षेत्र में किये जा रहे शोध कार्यों की सराहना की। कहा कि इस तरह के शैक्षणिक भ्रमण से वन सेवा के अधिकारियों को जरूर लाभ मिलेगा।