श्रीनगर गढ़वाल-प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं की लचर हालत से हर कोई वाकिफ है। वहीं पहाड़ों में स्थिति और दयनीय है। कहीं अस्पताल की बिल्डिंग है, लेकिन वहां डॉक्टर नहीं हैं। कहीं दो-चार डॉक्टर हैं भी तो वहां अस्पताल की बिल्डिंग के ही खस्ता हाल हैं। हालांकि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने को लेकर दावे तो लाख करती है लेकिन इन दावों की पोल तो तब खुल जाती है जब सूबे के स्वास्थ्य मंत्री के क्षेत्र में भी अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हो।
दरअसल, सूबे के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के विधानसभा क्षेत्र श्रीनगर मेडिकल कॉलेज है। यह बेस अस्पताल भी है, जिसपर दूर-दराज से लोग इलाज के लिए पहुंचते हैं। लेकिन यहां नियम कायदों को ताक पर रखकर लोगों की जिंदगियों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। बता दें कि अस्पताल का सारा बायोमेडिकल वेस्ट को खुले में ही डंप और जलाया जा रहा है, जबकि इस जगह पर बोर्ड पर चेतावनी लिखी है कि यहां कूड़ा डालने पर 100 रुपये जुर्माना लगेगा। इस चेतावनी की धज्जियां खुलेआम अस्पताल प्रशासन ही उड़ा रहा है।
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के परिसर में लगा कूड़े का ढेर यहां आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। वहीं कूड़े जलाने को लेकर अस्पताल के सफाई कर्मचारी का कहना है कि ये कूड़ा आज ही जल रहा है। उनको प्रबंधन द्वारा जो कहा जाता है, वे वैसा ही करते हैं। उन्हें कूड़ा यहां जमा करने के लिए बोला गया तो उन्होंने कर दिया।हैरानी बात ये है कि इतनी बड़ी लापरवाही को अस्पताल प्रबंधन टेंडर खत्म होने की बात पर कहर नजरअंदाज कर रहा है। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के एमएस रविंद्र बिष्ट का कहना है कि कूड़ा निस्तारण करने वाली एजेंसी के साथ अस्पताल का टेंडर खत्म हो गया है, जिस वजह है कूडे को वहां इक्ट्ठा किया जा रहा है। वहीं उन्होंने कहा कि कूड़ा जलाने के मामले की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि ये कूड़ा आस पास के लोग यहां फेक जाते है।