उत्तरकाशी-भैयादूज के पावन पर्व पर आज विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट परंपरानुसार वैदिक मंत्रोच्चार के साथ छह माह तक शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। यमुनोत्री के कपाट अभिजीत मुहूर्त में ठीक 12 बजकर 9 मिनट पर बंद किए गए। इससे पूर्व सुबह शनि महाराज को डोली अपनी बहन यमुना को लेने के लिए यमुनोत्री धाम पहुंची। जहां कपाट बंद के बाद पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन पर श्रद्धालुओं के भारी जलसे के साथ यमुना की उत्सव डोली खरसाली के लिए रवाना हुई।
यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल एवं पंच पंडा पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल ने बताया कि भैया दूज के पावन पर्व पर गुरूवार दोपहर 12:09 बजे सर्व सिद्धि योग, अभिजीत मुहूर्त में विधिवत पूजा अर्चना के साथ यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। अब श्रद्धालु आगामी छह माह तक खरसाली में ही मां यमुना के दर्शन कर सकेंगे। इस मौके पर यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल, पंच पंडा पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल, एसडीएम बड़कोट देवानंद शर्मा, लखन उनियाल, अमित उनियाल, सच्चिदानंद उनियाल, अनुज उनियाल, गिरीश उनियाल, कृतेश्वर और रामस्वरूप उनियाल सहित समस्त तीर्थ पुरोहित मौजूद रहे। उत्तराखंड के चारधामों में अब तक गंगोत्री, यमुनोत्री तथा केदारनाथ धाम के कपाट बंद हो चुके हैं। जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को बंद होंगे।