रुद्रप्रयाग-केदारनाथ धाम के कपाट 27 अक्टूबर को बंद किए जाने के बाद भगवान केदारनाथ की चल विग्रह डोली आज प्रातः 8 बजकर 30 मिनट पर मराठा रेजिमेंट की बैंड धुन ओर भक्तों के जयकारों के साथ अपने पहले पड़ाव रामपुर से प्रस्थान कर विभिन्न पड़ावों शेरसी, बड़ासू, फाटा, ब्यूग, देविधार, नारायनकोटी, नाला होते हुए रात्रि विश्राम के लिए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंची। जहां पर स्थानीय ग्रामीणों, व्यपरियों एवं यात्रियों द्वारा बाबा की पंचमुखी डोली का फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया गया। बाबा की डोली गुप्तकाशी पहुंचते ही सम्पूर्ण वातावरण भक्तिमय हो गया। हर जगह बाबा के जयकारों की आवाज गूंजने लगी।
डोली प्रभारी प्रदीप सेमवाल ने बताया कि प्रथम पड़ाव के बाद आज दूसरे पड़ाव विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में रात्रि विश्राम के बाद 29 अक्टूबर शनिवार प्रातः पूजा अर्चना के बाद बाबा की पंचमुखी चलविग्रह डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर उखीमठ के लिए प्रस्थान करेगी।आपको बता दें कि आज डोली के यहां पहुंचने के बाद से ही अगले 6 माह तक बाबा केदार की शीतकालीन पूजा-अर्चनाएं ओंकारेश्वर मंदिर में ही होती रहेंगी। इस अवसर पर मुख्य पुजारी गंगाधर लिंग, डोली प्रभारी प्रदीप सेमवाल, राजकुमार तिवारी, सहित मन्दिर समिति के कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में भक्त व स्थानीय ग्रामीण मौजूद रहे।