बागेश्वर : अग्निवीर भर्ती के फिजिकल टेस्ट में 100 नंबर लाने के बावजूद मेरिट लिस्ट में सफल न होने पर बागेश्वर के एक युवक ने सल्फास खा लिया। अस्पताल में उपचार के दौरान युवक की मौत हो गई। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कर उसे स्वजनों को सौंप दिया है। घटना के बाद गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। (youth commit suicide by consuming poison after he fails to became agniveer)
बागेश्वर जिले के कपकोट तहसील के फरसाली गांव निवासी 20 वर्षीय कमलेश गोस्वामी पुत्र हरीश गोस्वामी सेना में जाने को लेकर पैशनेट था। उसके पास एनसीसी का सी सर्टिफिकेट भी था। अग्निवीर भर्ती में फिजिकल में उसने खूब मेहनत की थी औऱ 100 नंबर भी हासिल किए थे। फिजिकल के बाद मेडिकल भी पास कर लिया था, लेकिन मेरिट लिस्ट में किस्मत धोखा दे गई। कमलेश को यह बात इतनी चुभी कि उसने खुदकुशी का रास्ता चुन लिया। कमलेश अपने परिवार का सबसे छोटा था। वह कोरोनाकाल से फौज में जाने की तैयारी कर रहा था। पिछली बार भी असफल रहा। इस बार अग्निवीर भर्ती में वह फिजिकल और मेडिकल में फिट था। एनसीसी का सी सार्टिफिकेट भी उसके पास था। बीते सोमवार को भर्ती का परीक्षाफल आया। वह तब ट्रैकर से खेत जोत रहा था। घर आने पर मोबाइल पर मेरिट लिस्ट देखी तो असफल होने पर जहर गटक लिया। स्वजन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाए। जहां से डाक्टरों ने जिला अस्पताल रेफर किया। सोमवार की रात लगभग 11.30 बजे उसने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।सोशल मीडिया पर अपडेट किया स्टेटस
कपकोट के पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण ने कहा कि मृतक ने सेना के लिए काफी मेहनत की। अगली भर्ती में उसकी उम्र अधिक हो जाती। उन्होंने घटना पर गहरा शोक जताया है। थानाध्यक्ष कपकोट विवेक चंद्र ने बताया कि जहर खाने से पूर्व मृतक ने इंटरनेट मीडिया पर अपना स्टेट्स भी डाला था, जिसमें उसने भर्ती नहीं होने के कारण यह कदम उठाने की बात की है। कहा कि घटना की जांच की जा रही है। आत्महत्या से पहले कमलेश ने अपने स्टेटस में रोते हुए जिस तरह से अपने फिजिकल के नंबर और अन्य योग्यता की जानकारी दी। व्यवस्था को कोसा, उसे देखकर हर कोई भावुक हो रहा है।
सवालों में अग्निवीर योजना
एक एनसीसी सी सार्टिफिकेट धारी युवा जो दौड़ में स्टेट लेवल का एथलीट था, वो फिजिकल टेस्ट में भी 100 नंबर लाता है फिर कैसे अचानक आत्महत्या को मजबूर हो जाता है? ये सारी बातें अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया के मानकों पर सवालिया निशान खडा करती हैं। फिजिकल के दौरान भी कई युवाओं ने भर्ती मानकों पर सवाल उठाए थे। कमलेश के पास एनसीसी का सी सर्टिफिकेट था, इसलिए उसे रिटन टेस्ट देने की जरूरत नहीं थी, फिर ऐसा क्या हुआ कि कमलेश मेरिट लिस्ट में जगह नही बना सका।