पिथौरागढ़-सात दिन पूर्व भारत में सड़क निर्माण के दौरान पहाड़ी से छिटककर नेपाल में गिरे पत्थर की चपेट में आकर बच्चे की मौत का मामला गुरुवार को फिर गरमा गया। गुरुवार को नेपाली नागरिकों ने पिथौरागढ़ जिले के दार्चुला में सीमा के पास प्रदर्शन किया। साथ ही धारचूला-व्यास सड़क निर्माण को अवरुद्ध करने की चेतावनी दी।हालांकि, इस मामले में घटना के दूसरे दिन ही भारत में सड़क निर्माण कर रही कंपनी ने दार्चूला नेपाल के विधायक और मृतक बच्चे के परिजनों से समझौते के बाद 10 लाख मुआवजा दिया था। कहा जा रहा है कि नेपाल में पूर्व पीएम ओली के 9 नवंबर को संभावित दार्चुला दौरे के कार्यक्रम को देखते हुए कुछ राजनीतिक दल विवाद को हवा दे रहे हैं। बुधवार को बड़ी संख्या में नेपाली नागरिक दार्चुला में सीमा के करीब एकित्रत हुए।
उन्होंने न सिर्फ धारचूला-व्यास सड़क निर्माण को अवरुद्ध करने की चेतावनी दी बल्कि भारत की तरफ पथराव भी किया। इन लोगों ने चार घंटे तक मार्ग को अवरुद्ध रखा। दार्चुला नेपाल के डीएम दीर्घराज उपाध्याय ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि नेपाल और भारत के प्रशासनिक अधिकारी आपसी बातचीत से इस मामले को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं। जबकि भारतीय प्रशासन ने इस तरह की जानकारी से इनकार किया है।
पूर्व पीएम ओली के संभावित दार्चुला दौरे से पहले बवाल
पूर्व प्रधानमंत्री ओली के 9 नवंबर को दार्चुला दौर से पहले ही भारत-नेपाल सीमा पर तनाव का माहौल पैदा हो गया है। पूर्व प्रधानमंत्री ओली हमेशा से ही भारतीय सीमा क्षेत्र को लेकर विरोध करते रहे हैं। लिपुलेख हो या कालापानी, नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी भारत के विरोध में सीमा क्षेत्र के नागरिकों को बहकाती रही है। इस सप्ताह पूर्व प्रधानमंत्री केपी ओली का दार्चुला भ्रमण कार्यक्रम प्रस्तावित है। ऐसे में राजनीतिज्ञ इसे षडयंत्र के तौर पर देख रहे हैं।
28 अक्तूबर को हुआ था हादसा
झूलाघाट। बीते 28 अक्तूबर को सड़क निर्माण के दौरान पत्थर टूटकर नेपाल की तरफ जा गिरा। हादसे में 12 वर्षीय पवन माहरा की मौत हो गई थी।