जोशीमठ(चमोली)-सीमान्त घाटी जुम्मा गांव में वर्ष 2021 में जिला योजना के तहत ग्रामीणों के खेतों में सिचाई नहर निर्माण कार्य का काम होना था। परन्तु यह कार्य अभी तक नही हो पाया है जिससे स्थानीय ग्रामीणों ने नाराजगी जताई है।इतना ही नही बल्कि सिचाई विभाग् द्वारा बिजली के खम्बो का सिचाई नहर में इस्तेमाल भी किया गया है लेकिन पूरा बजट की कहाँ खफत हुई इसका किसी को कुछ पता तक नहीं है।
बता दें जुम्मा गांव के निवासी शीतकाल के दौरान कालेश्वर में रहने चले जाते है जबकि ग्रीष्मकाल के दौरान वह पौराणिक नीति घाटी में रहते हैं।लेकिन जिस तरीके से सिंचाई विभाग द्वारा योजना का काम हुआ है उसको देख कर गांव वाले भी असमंजस में है कि यह आधा अधूरा कार्य उनके रहते किया गया है या उनके न रहते शीतकाल में किया गया है। सिंचाई विभाग की लचर प्रणाली व मन मानी के कारण अभी तक ग्रामीणों के खेतों तक पानी नही पहुच पाया है।वहीं ग्रामीणो का कहना है कि विभाग की कार्यप्रणाली ठीक नही है, जिससे वह अब खुद सिचाई कूल निर्माण का काम शुरू कर चुके हैं।
साथ ही नीती माणा समिति चमोली अध्यक्ष मनोज रावत ने कहा कि हम लोग कृषि पर ही आर्थिक रूप से निर्भर हैं।लेकिन जिला योजना के अंतर्गत 2021 से सिंचाई कूलों का निर्माण न होने से उनकी खेती पर भी असर पड़ रहा है साथ ही अब गाँव के ग्रामीण स्वयं अस्थायी कूल का निर्माण करने में जुट गये हैं।उन्होंने कहा कि सिंचाई अधिकारी उक्त मामले का संज्ञान ले और जल्द से जल्द कूलों का निर्माण कार्य पूर्ण करवायें जिससे ग्रामीणों को सिचाई युक्त पानी मिल सके।इस मौके पर बलबीर सिंह ग्राम सरपंच जुम्मा,रणजीत सिंह, चन्द्र सिंह, डबल सिंह, मंगी देवी ,रूपा देवी,बिनीता राणा, झांपी देवी अन्य महिलाओ ने कार्य कर श्रमदान किया ।