रुद्रप्रयाग: आगामी गुरूवार को राकेश्वरी मंदिर रांसी से शुरू होने वाली 32 किमी लंबी मनणीमाई की लोकजात को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। पांच दिवसीय इस जात के दौरान मां की विशेष पूजा अर्चना के बाद ग्रामीण वापस रांसी लौटेगे।
रांसी मंदिर के पुजारी वीपी भटट ने बताया कि मदमहेश्वर घाटी के अन्तर्गत मनणामाई की लोकजात रांसी से 32 किमी की लंबी उत्तर दिशा की ओर मनणी बुग्याल तक जाती है। इस बार लोकजात का दिन 21 जुलाई यानी गुरूवार को तय हुआ है। पहले दिन मनणी की भोगमूर्ति के साथ स्थानीय लोग रांसी गाँव से यात्रा प्रारम्भ होकर पहले पड़ाव थोली बुग्याल पहुंचेगी। 22 जुलाई से थौली से मनणी नदी को पैदल पार करते हुए अपने धाम मनणी बुग्याल पहुंचेगी। 23 जुलाई को प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में मां की भोगमूर्ति को पूजा अनुष्ठान के मंदिर में स्थापित किया जाता है। भव्य पूजा-अर्चना के बाद देवी की मूर्ति को ब्रह्म कमलों तथा अन्य पुष्पों से ढका जाएगा। इसी दिन लोकजात रात्रि विश्राम के लिए वापस थौली पहुंचेगी। 24 जुलाई को यात्रा सनियारा बुग्याल पहुंचेगी। 25 जुलाई को रांसी गाँव के राकेश्वरी देवी मंदिर में लोकजात का समापन होगा।