ब्यूरो-चार धामों की रक्षक देवी मां धारी देवी का मंदिर जल्द ही वैडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित होगा। इसको लेकर मंदिर के पुजारी न्यास ने पहल शुरू कर दी है। अभी तक रूद्रप्रयाग का त्रिजुगीनारायण वैडिंग डेस्टिनेशन के रूप जाना जाता है। (Dhari Devi temple) हाल ही में हुए उत्तराखंड ग्लोबल समिट के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से शादियों के लिए विदेश जाने के बजाय उत्तराखंड आने का आह्वान किया था। प्रधानमंत्री के इस आह्वान पर आद्य शक्ति मां धारी देवी पूजारी न्यास ने आपसी सहमती के बाद तैयारियां शुरू कर दी है। पुजारियों ने जिस स्थान पर मूर्ति अपलिफ्ट की गयी थी उस स्थान को शादी का प्रागंण बनाने के लिए चयनीत किया गया है।सिद्धपीठ धारी देवी का मंदिर श्रीनगर से करीब 13 किलोमीटर दूर अलकनंदा नदी किनारे स्थित है। यह एक अद्भूत और रोमाचिंत करने वाला स्थान है। पुजारी न्यास के प्रबंधक रमेश चंद्र पाण्डेय ने बताया कि पुजारी न्यास के प्रबंधक रमेश चंद्र पाण्डेय ने बताया कि धारी देवी मंदिर में शादी करने के लिए प्रदेश भर से लोग पहुंचते हैं, लेकिन मंदिर में प्रयाप्त जगह न होने के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। कहा कि मां धारी के द्वार सक्षम और असक्षम लोग यहां शादी करने पहुंचते है। यहां शादी करने का एक विशेष महत्व भी है। ऐसे में पुजारी न्यास ने आपसी सहमति के बाद जहां पर मां धारी देवी अस्थाई रूप से विराजमान थी उस स्थान पर ही नया ढांचा खडा कर शादी का प्रागंण और भंडारण गृह बनाने का फैसला लिया है।कहा कि इसको को भी वैडिंग डेस्टिनेशन में प्रसिद्ध मिले इसके लिए प्रयास शुरू कर दिये है। आद्य शक्ति मां धारी देवी पूजारी न्यास के प्रबंधक रमेश चंद्र पाण्डेय ने बताया कि 26 जनवरी से 28 जनवरी तक का मंदिर का स्थापना दिवस मनाया जायेगा। इसको लेकर जल्द ही पूजारी न्यास बैठक की कार्यक्रम की रूपरेखा बनायेगा।