देहरादून-अंकिता भंडारी मर्डर केस पर बुलडोजर एक्शन पर फिर सवाल खड़े हो गए हैं। एसआईटी ने गुरुवार को अंकिता भंडारी हत्याकांड से जुड़े अधूरे तथ्य ही कोर्ट के समक्ष रखे। एसआईटी ने बताया कि अंकिता के कमरे को बुलडोजर से क्षतिग्रस्त करने से पहले उसके कमरे की फोटोग्राफी कराई गई थी।कमरा पूरी तरह से साफ था। वहां सिर्फ एक बैग ही मिला था। लेकिन क्या कमरे में किसी की अंगुलियों या खून के निशान ढूंढने से जुड़ी फॉरेंसिक जांच की गई? इस पर कोर्ट के सम्मुख कुछ नहीं बताया गया। ऐसे में कोर्ट एसआईटी के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ।याचिकाकर्ता आशुतोष नेगी ने कोर्ट में कहा कि पुलिस और एसआईटी मामले के महत्वपूर्ण सबूतों को छिपा रहे हैं।
अब तक अंकिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है। जिस दिन उसका शव बरामद हुआ था उसी दिन शाम को अंकिता के परिजनों की मौजूदगी के बिना ही उसका कमरा बुलडोजर चालकर तोड़ दिया गया। पुलिस ने बिना किसी महिला अधिकारी की उपस्थिति में अंकिता के शव का मेडिकल परीक्षण कराया। यह सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के विरुद्ध है।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि जिस दिन अंकिता की हत्या हुई थी, उस दिन छह बजे इस मामले का मुख्य आरोपी पुलकित आर्य अंकिता के कमरे में मौजूद था और अंकिता रो रही थी। याचिका में यह भी कहा गया है कि अंकिता के साथ दुराचार हुआ है, जिसे पुलिस नहीं मान रही है। इसलिए केस की जांच सीबीआई से कराई जाए।
बुलडोजर किसके कहने पर आया यह भी नहीं पता: अंकिता के कमरे को तोड़ने के लिए बुलडोजर किसके कहने पर आया? उन्होंने बुलडोजर एक्शन पर सवाल खड़े किए हैं।
याचिकाकर्ता को क्राउड फंडिंग पर घेरने की कोशिश
याचिकाकर्ता आशुतोष नेगी को क्राउड फंडिंग के मामले में घेरने की कोशिश है। दरअसल, अंकिता की हत्या के बाद जागो उत्तराखंड अभियान चलाकर चंदा इकट्ठा किया गया। जिसमें करीब 49 हजार रुपये एकत्र किए गए। इस तरह क्राउड फंडिंग करने के मामले को गलत मानते हुए याचिकाकर्ता के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी चल रही है। हालांकि याचिकाकर्ता का कहना है कि जिस खाते में यह रकम आई है, उसकी तफ्तीश जांच एजेंसी कर सकती है।
सामाजिक- महिला संगठनों सहित पूर्व सीएम हरीश रावत व कांग्रेस ने उठाए सवाल
अंकिता मर्डर केस में पुलकित आर्य के वनंतरा रिजॉर्ट पर बुलडोजर एक्शन पर सामाजिक- महिला संगठनों ने कई सवाल खड़ किए थे। यही नहीं, पूर्व सीएम हरीश रावत सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने बुलडोजर एक्शन को गलत ठहराया था। कहा था कि आखिर इतनी भी जल्द क्या थी कि रिजॉर्ट पर रातोंरात बुलडोजर चलवा दिया गया।
माता-पिता ने सीबीआई जांच की मांग की
न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 नवंबर की तिथि नियत की है। हाईकोर्ट में अंकिता हत्याकांड मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने को लेकर याचिका दायर की गई है। सुनवाई के दौरान पीठ ने मृतक के माता-पिता को याचिका में पक्षकार बनाते हुए पूछा कि आपको एसआईटी की जांच पर क्यों संदेह हो रहा है?