देहरादून -उत्तराखंड चार धाम यात्रा 2023 के शुरुआती पहले दो दिन में ही दो तीर्थ यात्रियों की मौत हो गई है। चिंता की बात है कि दो दिनों में दो तीर्थ यात्री की मौत हार्ट अटैक से हुई है। ऐसे में अब उत्तराखंड चार धाम यात्रा पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे यात्रा पर जाने से पहले अपनी स्वास्थ्य की पूरी जांच कराएं। बीमार, बुजुर्ग और 55 साल से अधिक उम्र वाले तीर्थ यात्रियों को विशेष सलाह दी जाती है कि वह स्वास्थ्य की पूरी जांच कराने के साथ ही हेल्थ स्क्रीनिंग फॉर्म जरूर पढ़ें। आपको बता दें कि गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के कपाट 22 अप्रैल को खुले थे। बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल, जबकि केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को खुलेंगे।जानकारी के अनुसार यमुनोत्री धाम में दर्शन को जा रहे तीर्थ यात्री की हार्ट अटैक से मौत हो गई है। चिंता की बात है कि पिछले दो दिनों में दो तीर्थ यात्रियों की हार्ट अटैक से मौत हुई है। शनिवार 22 अप्रैल को पहले दिन देर रात्रि को 60 वर्षीय गुजरात निवासी कनक सिंह की हार्ट अटैक से मौत हो गयी थी। आपको बता दें कि आज यमुनोत्री मन्दिर में दर्शन कर लौटते समय खरशाली शिव शक्ति पार्किंग में दिनेश पारिदार पुत्र गोकुल पारिदार उम्र 40 वर्ष निवासी पधानिया तहसील व जिला खरगोन मध्यप्रदेश की तबियत बिगड़ गयी थी। तीर्थ यात्री की तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसको 108 एंबुलेंस की मदद से सीएचसी बड़कोट ले गए। लेकिन डॉक्टरों ने तीर्थ यात्री को मृत घोषित कर दिया।
आपको बता दें कि तीर्थ यात्रियों के स्वास्थ्य को लेकर सरकार की ओर से कारगर प्लान बनाया है। चार धाम यात्रा रूट पर अतिरिक्त डॉक्टरों की तैनाती के साथ ही हेल्थ कैंप भी स्थापित किए गए हैं।
दिल, सांस व बुजुर्गों को होती है सबसे ज्यादा परेशानी
उत्तराखंड में केदारनाथ, बदरीनाथ सहित चारों धाम समुद्र तल से काफी ऊंचाई पर स्थित हैं। ऐसे में देश-विदेश से आ रहे श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य से संबंधित परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऊंचाई वाले इलाकों में ऑक्सीजन की कमी की वजह से विशेषकर दिल, सांस और बुजुर्गों की परेशानी भी बढ़ जाती है।
चारधाम में 200 श्रद्धालुओं की जा चुकी जान
चारधाम यात्रा मे पिछले साल 2022 में चार धाम यात्रा के दौरान करीब 200 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। इसमें से 71 प्रतिशत यानी 164 लोगों की मौत हार्ट अटैक से हुई। बता दें कि पिछले साल केदारनाथ धाम में 78, यमुनोत्री में 66, बदरीनाथ में 37 और गंगोत्री में 14 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। तीर्थ यात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए उत्तराखंड सरकार यात्रा रूट पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती कर रही है।