देहरादून-उत्तराखंड विधानसभा की विवादित 228 नियुक्तियां निरस्त कर दी गई है। इसके साथ ही विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को भी निलंबित कर दिया गया है। उत्तराखंड में किसी भी सरकार का यह सब तक का पहला ऐतिहासिक और बोल्ड फैसला है। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी के इस फैसले ने धामी सरकार को नई ऊंचाईयां दी है। यह कार्रवाई जांच समिति की रिपोर्ट पर की गई।विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने शुक्रवार को समिति की जांच रिपोर्ट की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 480 में से 228 नियुक्तियां रद कर दी हैं। उन्होंने सचिव मुकेश सिंंघल को भी निलंबित कर दिया है।इसके साथ ही तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल की भूमिका की जांच की जाएगी। वहीं 2012 से पहले हुई नियुक्ति पर विधिक जांच ली जा रही है । उन्होंने बताया कि समिति ने काबिले तारीफ कार्य किया।
बता दें कि समिति ने विस अध्यक्ष को नियुक्तियां रद करने का प्रस्ताव सौंपा है। समिति द्वारा नियमों के खिलाफ हुई नियुक्तियों को निरस्त करने की सिफरिश गई है।विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि वह दो दिन के अपने विधानसभा क्षेत्र कोटद्वार के भ्रमण कार्यक्रम पर थीं। गुरुवार देर रात देहरादून उनके शासकीय आवास पर पहुंचने पर जांच समिति द्वारा उन्हें रिपोर्ट सौंप दी गई।विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि जांच रिपोर्ट सौंपने के दौरान जांच समिति के अध्यक्ष डीके कोटिया, एसएस रावत व अवनेंद्र सिंह नयाल मौजूद रहे।विधानसभा में 228 नियुक्तियों को विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने रद्द कर जांच रिपोर्ट में 2016 और 2021 में जो तदर्थ नियुक्तियों में अनियमितताएं पाई गई बताया है।