ऊखीमठ। 9 वीं स्वतन्त्र पर्वतीय ब्रिगेड समूह के अन्तर्गत 1842 पायनियर कम्पनी में तैनात तुंगनाथ घाटी के सारी गांव निवासी हवलदार 41 वर्षीय शहीद कुंवर सिंह का अन्तिम संस्कार आकाशकामिनी नदी के किनारे उनके पैतृक घाट में सैन्य सम्मान के साथ गमगीन माहौल में किया गया। उनके निधन से तुंगनाथ घाटी सहित सारी गांव में मातम पसरा हुआ है तथा परिजनों का रो – रोकर बुरा हाल है। उनके गांव सारी से आकाशकामिनी नदी नदी के निकली शव यात्रा में सैकड़ों लोगों ने शामिल होकर उन्हें नम आँखों से भावभीनी विदाई दी, उनके निधन पर जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों, परिजनों व विभिन्न सामाजिक संगठनों ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की। बता दे कि तुंगनाथ घाटी सारी गांव निवासी 41 वर्षीय हवलदार कुंवर सिंह 9 वीं पर्वतीय ब्रिगेड समूह के अन्तर्गत 1842 पायनियर कम्पनी में जोशीमठ मलारी से आगे उंचाई वाले टोपीडाग बोर्डर पर तैनाती के दौरान विगत दिनों शहीद हो गये थे। उनकी शहीद होने की सूचना मिलते ही तुंगनाथ घाटी सहित उनके गांव सारी में मातम छा गया था तथा परिजनों में कोहराम मच गया था। शुक्रवार देर सांय को शहीद कुवर सिंह का पार्थिव शहीद सेना के वाहनों से सारी गांव लाया गया तो तिरंगे पर लिपटे पार्थिव को देखकर परिजन व ग्रामीण फूट – फूटकर रोने लगे। शहीद के पार्थिव शरीर को उनके घर पर अन्तिम दर्शनों के लिए रखा गया तथा सेना के जवानों ने उन्हें सलामी देकर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। उनके गांव सारी से पैतृक घाट आकाशकामिनी नदी तक निकले शव यात्रा में सैकड़ों ग्रामीणों , सैन्य अधिकारियों व जवानों ने शामिल होकर नम आँखों से अन्तिम विदाई दी तथा सेना के जवानों ने सलामी दी तथा उनकी अन्तेष्ठि को उनके भतीजे अमन सिंह ने मुखाग्नि दी। उनके निधन पर पूर्व विधायक मनोज रावत, राज्य मंत्री चण्डी प्रसाद भटट्, भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती आशा नौटियाल, क्षेत्र पंचायत प्रमुख श्वेता पाण्डेय, कनिष्ठ प्रमुख शैलेन्द्र कोटवाल, शैलारानी सामाजिक ट्रस्ट अध्यक्ष ऐश्वर्या रावत, जिपस विनोद राणा, गणेश तिवारी, रीना बिष्ट,सुमन नेगी,निवर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष विजय राणा, प्रधान संगठन संरक्षक सन्दीप पुष्वाण, अध्यक्ष सुभाष रावत, कोषाध्यक्ष हर्षवर्धन सेमवाल, मीडिया प्रभारी योगेन्द्र नेगी, प्रधान मनोरमा देवी, देवरिया ताल महोत्सव अध्यक्ष दिलवर नेगी, युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष कर्मवीर कुवर, दलवीर नेगी, कैलाश पुष्वाण सहित तुंगनाथ घाटी के जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों , परिजनों व विभिन्न सामाजिक संगठनों ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की।