रुद्रप्रयाग-ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ की 6 माह की ग्रीष्मकालीन यात्रा समाप्त हो गयी है।इस बार घोड़ा खच्चर के मालिकों ने एक अरब 9 करोड़ 88 लाख का रिकार्ड तोड़ कारोबार किया है।जो आने वाले सालों में और फलने-फूलने वाला है। इस कारोबार में सरकार को भी खूब राजस्व की प्राप्ति हुई है। सरकार को इस कारोबार में अनुमानित 8 करोड़ से ज्यादा का लाभ के साथ राजस्व मिला है।
बता दें भगवान केदारनाथ की यात्रा 6 मई से प्रारम्भ हुई थी यात्रा प्रारम्भ होने से यात्रियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी चल रही थी।पहले ही दिन से 19 हजार से भी ज्यादा श्रद्धालुओं ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किये थे। आज भगवान केदारनाथ के कपाट बंद होने तक केदार दर्शनार्थियों की संख्या 15 लाख 65 हजार श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर चुके हैं।वहीं पिछले सारे रिकार्ड इस बार की यात्रा ने ध्वस्त कर दिये हैं।
घोड़ा संचालकों का रजिस्ट्रेशन की कुल संख्या-
भगवान केदारनाथ की सबसे कठिन पैदल यात्रा मानी जाती है। इस यात्रा को पूर्ण करने के लिए श्रद्धालु घोडे खच्चरों का सहारा लेते है इस यात्रा को सफल बनाने में घोडो और घोड़े संचालकों का अहम किरदार रहता है।इस बार कम से कम 4400 घोडे संचालकों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया था जिसमें विधिवत 8 हजार 6सौ 44 के आस-पास घोडे खच्चर पंजीकृत थे। इस यात्रा सीजन में 5 लाख 34 हजार तीर्थ यात्रियों ने घोड़े और खच्चरों के माध्यम से यात्रा की थी।यात्रा के दौरान कई बार घोडें खच्चरों की संख्या अधिक होने के कारण रास्ते में घोड़ा -खच्चरों से जाम की स्थिति पैदा हो गयी।लेकिन जिला प्रशासन द्वारा यात्रा मैनेजमैंट सुव्यवस्थित के चलते यात्रा निरन्तर चलती रही।घोडे-खच्चरों का संचालन जी मैक्स कम्पनी के द्वारा किया गया।जी मैक्स के प्रबन्धक के0एस0 रावत ने बताया कि इस यात्रा में बाबा ने घोडें खच्चर मालिकों और संचालकों के घर लक्ष्मी से भर दिये हैं।अनुमानित 1 अरब 9 करोड़ 88 लाख रूपयें की शुद्ध लाभ के साथ कारोबार हुआ है। जिसमें 8.2 करोड़ रूपयें का राजस्व का जिला प्रशासन को भी हुआ है।