रुद्रप्रयाग-केदारनाथ यात्रा में आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं को पैदल यात्रा में 7 से 8 घण्टे का सफर तय नही करना होगा । राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड की बैठक में केदारनाथ रोपवे परियोजना को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।मौजूद समय मे केदारनाथ धाम जाने के लिए तीर्थ यात्रियों के पास दो विकल्प हैं।पहला गौरीकुंड से पैदल यात्रा शुरू कर 7 से 8 घण्टे में केदारनाथ धाम पहुंचा जा सकता है। दूसरा हेलीकॉप्टर सेवा के माध्यम से केदारानाथ धाम पहुंचा जाता है परन्तु हेलीकॉप्टर सेवा की अधिक मांग होने के कारण आसानी से उपलब्ध नही हो पाती है। इस वजह से अधिकतर श्रद्धालु पैदल ही केदारनाथ धाम जाने का विकल्प इस्तेमाल करते हैं।समुद्रतल से साढ़े ग्यारह हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम के लिए गौरीकुंड से 18 किमी की पैदल दूरी है जिसे तय करने में सात से आठ घण्टे का सफर तय करना पड़ता है। रोपवे बन जाने से यह दूरी 30 मिनट में पूरी हो जाएगी।
सोनप्रयाग केदारनाथ रोपवे पर रोपवे स्टेशन गौरीकुंड ,चीरबासा, लिनचोली ओर केदारनाथ में रोपवे स्टेशन बनाए जाने प्रस्तावित हैं।केदारघाटी का क्षेत्र नेशनल वाइल्डलाइफ सेंचुरी के अंतर्गत आता है। इसे देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने रोपवे परियोजना की मंजूरी को पर्यावरण मंत्रालय को पत्र भेजा था।