रुद्रप्रयाग-मैं न चाहता युग-युग तक पृथ्वी पर जीना, पर उतना जी लूं जितना जीना सुंदर हो! मैं न चाहता जीवन भर मधुरस ही पीना, पर उतना पी लूं जिससे मधुमय अंतर हो। ये पंक्तियां है हिंदी के कालिदास के रूप में जाने जाने वाले प्रकृति के चहते कवि चन्द्र कुंवर बर्त्वाल की जिनका 103 वां जन्मदिवस समारोह उनकी कर्मभूमि राइका अगस्त्यमुनि में भव्य रूप से मनाया गया। समारोह का उद्घाटन केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत, वरिष्ठ साहित्यकार कृष्णानंद नौटियाल, कवि चन्द्र कुंवर के भतीजे गम्भीर सिंह बर्त्वाल द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि विधायक शैलारानी रावत ने कहा कि चंद्र कुंवर बर्त्वाल केवल पहाड़ के कवि नहीं है वो देश दुनिया के कवि हैं। हिंदी साहित्य जगत में उनका नाम सुनहरे अक्षरों में अंकित है और हमेशा रहेगा। मात्र 28 साल के जीवन में एक हज़ार अनमोल कविताएं, 24 कहानियां, एकांकी और बाल साहित्य का अनमोल खजाना हिन्दी साहित्य को दिया। मृत्यु पर आत्मीय ढंग से और विस्तार से लिखने वाले चंद्रकुंवर बर्त्वाल हिंदी के पहले कवि हैं। कवि की स्मृतियों को तरोताजा रखने के लिए चंद्र कुंवर बर्त्वाल स्मृति शोध संस्थान स्मृति समारोह के रूप में अगस्त्यमुनि विरासतों को संजोने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। उन्होंने समारोह के प्रतिवर्ष आयोजन के लिए एक लाख रुपए देने की घोषणा की है। समारोह के विशिष्ट अतिथि साहित्यकार कृष्णानंद नौटियाल ने कहा चंद्र कुंवर केदार भूमि के उजले चंद्र है जिनकी साहित्यिक आभा ने हिंदी जगत को युगों युगों तक आलोकित कर दिया है। समारोह की अध्यक्षता करते हुए नगर पंचायत अध्यक्ष अरुणा बेंजवाल ने कवि की चिरस्थाई स्मृति को संरक्षित करने में संस्थान की भूमिका को सराहा। संस्थान नई पीढ़ी को कवि और कविता साहित्य की जो विधि सौंप रहा है वह प्रेरणादाई है।
समारोह में हिन्दी गढ़वाली साहित्य में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए सुप्रसिद्ध साहित्यकार दम्पत्ति बीना बेंजवाल एवं रमाकांत बेंजवाल को केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत द्वारा हिमवंत सम्मान से सम्मानित किया गया। सम्मानित होने पर बीना बेंजवाल ने कहा कि इस सम्मान ने मेरी साहित्यिक जिम्मेदारी को और बढ़ा दिया है, मैं इसका जरूर निर्वहन करूंगी। अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थान के अध्यक्ष हरीश गुसाईं ने संस्थान की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए मुख्य अतिथि को मांगपत्र सौंपा।
कार्यक्रम में कविता पाठ सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। कविता पाठ जूनियर वर्ग में उदित केवि प्रथम, कु दिव्या जूहा गिंवाला द्वितीय, कु खुशी तक्षशिला पब्लिक स्कूल चाका ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। कविता पाठ सीनियर वर्ग में तनिष्का राबाइका अगस्त्यमुनि प्रथम, कृष्णा राइका कंडारा द्वितीय, रोहित बैरवाण राइका अगस्त्यमुनि ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। निबंध में कार्तिक कंडारी चिल्ड्रन एकेडमी प्रथम, कु भावना केवि अगस्त्यमुनि द्वितीय, सोनिका नेगी राइका अगस्त्यमुनि तृतीय रही। सांस्कृतिक प्रतियोगिता में चिल्ड्रन एकेडमी अगस्त्यमुनि प्रथम, केवि अगस्त्यमुनि द्वितीय, राबाइका अगस्त्यमुनि ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। प्रतियोगिता में निर्णायक वरिष्ठ रंगकर्मी नरेंद्र रौथाण, उम्मेद आर्य रहे।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य राइका अगस्त्यमुनि हरेंद्र बिष्ट, प्रधानाचार्य राबाइका रागिनी नेगी, प्रधानाचार्य चिल्ड्रन एकेडमी हरिपाल कंडारी, व्यापार संघ अध्यक्ष नवीन बिष्ट, जिला व्यापार संघ महामंत्री मोहन रौतेला, भाजपा जिला मंत्री अनूप सेमवाल,
पूर्व कनिष्ठ प्रमुख रमेश बेंजवाल, सरपंच नाकोट हर्षवर्धन बेंजवाल, श्रीनंद जमलोकी, कुंवर सजवाण, हरीश गुसाईं, कुंवर लाल आर्य, हरिहर रावत, विक्रम नेगी, सरला भट्ट, दीपा नेगी, रजनी शर्मा, विनोद भट्ट, माधव सिंह नेगी, चंद्रशेखर बेंजवाल, नीलकंठ बेंजवाल, हेमंत चौकियाल, सुधीर बर्त्वाल, कालिका कांडपाल, दीपक बेंजवाल समेत बड़ी संख्या में गणमान्य उपस्थित थे। मंच संचालन गिरीश बेंजवाल, धीर सिंह नेगी, कुसुम भट्ट ने संयुक्त रूप से किया।