रुद्रप्रयाग-ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन से प्रभावित नरकोटा गांव के ग्रामीणों की समस्याओं के समाधान के लिए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने रेल निर्माण निगम एवं कार्यदायी संस्थाओं के साथ बैठक ली। इस दौरान जिलाधिकारी ने कार्यदायी संस्थाओं को शीघ्र ग्रामीणों की समस्याओं को हल करने के निर्देश दिए।
कलक्ट्रेट में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी ने रेल निर्माण निगम एवं उनकी कार्यदायी संस्थाओं और राष्ट्रीय राजमार्ग एवं उनकी कार्यदायी संस्थाओं को ग्रामीणों की समस्याओं पर जल्द समाधान करने के निर्देश दिए। नरकोटा के ग्रामीणों के साथ आयोजित बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने रेलवे निर्माण निगम व एनएच के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि निर्माणाधीन कार्यों के लिए बनाए डंपिंग जोन बिना देरी के मलबा साफ किया जाए। किसी भी जोन में क्षमता से अधिक मलबा पाए जाने पर संबंधित कार्यदायी संस्था के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि नदी एवं गदेरों में किसी भी दशा में मलबा डंप न किया जाए। उन्होंने उप जिलाधिकारी एवं खनन अधिकारी को समय-समय पर निरीक्षण कर आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए कि निर्माण कार्यों के दौरान ग्राम सभा की किसी भी संपत्ति को नुकसान होने पर संबंधित संस्थान ही उसकी मरम्मत करवाएगा। उन्होंने रेल निर्माण निगम को 30 सितंबर तक क्षतिग्रस्त सड़क एवं पुश्ते की मरम्मत और निर्माण करने के निर्देश दिए। साथ ही नरकोटा क्षेत्र में क्षतिग्रस्त शिवालय एवं गांव के रास्ते की मरम्मत करवाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने ग्रामीणों द्वारा उनके मकानों पर ब्लास्टिंग से आई दरारों की शिकायतों की पुष्टि के लिए खनन अधिकारी को स्थलीय निरीक्षण करते हुए एक सप्ताह में जांच आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी उपस्थित ग्रामीणों एवं प्रधानों को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनकी समस्याओं के समाधान के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। उन्होंने रेल निगम के अधिकारियों को ग्रामीणों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य करने को कहा। साथ ही उन्होंने ग्रामीणों से किसी भी निर्माण कार्यों में व्यवधान न डालने की अपील की गई। बैठक में उप जिलाधिकारी अपर्णा ढौंढियाल, भू-वैज्ञानिक डा. दीपक हटवाल, अधिशासी अभियंता एनएच निर्भय सिंह, ग्राम प्रधान चंद्रमोहन, उप प्रधान कुलदीप जोशी, वीपी गैरोला, विनोद बिष्ट, राजेश भट्ट, औंकार सिंह, संजय पाठक सहित नरकोटा गांव के ग्रामीण मौजूद थे।