रुद्रप्रयाग-केदारनाथ की यात्रा के दौरान केदारघाटी में उड़ान भरने वाले हेलिकॉप्टरों का शोर बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं करेगा। छात्र-छात्राएं अपने स्कूलों में शांतिपूर्वक पढ़ाई कर सकेंगे। इसके लिए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सभी हेली कंपनियों को अपने-अपने हेलिपैड के निकट के स्कूलों में साउंड प्रूफ कक्षा-कक्ष तैयार करने के निर्देश दिए हैं।हर हेली कंपनी को अपने निकट के सभी स्कूलों में यह काम करना होगा। अगर कंपनियां ये निर्देश नहीं मानेंगे तो उन्हें तीन साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। जून 2013 की आपदा के बाद केदारनाथ तक सरल व सुलभ पहुंच के लिए हेलिकॉप्टर सेवा को बढ़ावा दिया जाता रहा है लेकिन यह हेली सेवा केदारघाटी के आमजन के लिए यात्राकाल में परेशानी का सबब बनी रहती है।
सबसे अधिक दिक्कत हेलिपैड के नजदीक स्कूलों के बच्चों को होती है। हेलिकॉप्टर के शोर से अप्रैल, मई माह में और जुलाई से नवंबर तक स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। यही नहीं इस तेज ध्वनि से उन्हें कई परेशानियों से भी जूझना पड़ता है। मगर अब इस समस्या से जल्द निजात मिल जाएगी।
15 दिन में मांगा है जवाब : डीएम
डीएम मयूर दीक्षित ने कहा कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के सुझाव और स्वयं हालातों का जायजा लेने के बाद हेलिकॉप्टर सेवा का संचालन कर रही सभी सात हेली कंपनियों को पत्र लिखकर अपने हेलिपैड के निकट के स्कूलों में साउंड प्रूफ कक्षा-कक्षा तैयार करने के निर्देश दिए हैं। सभी कंपनियों को 15 दिन में उचित कार्रवाई कर जवाब देने को कहा गया है। आदेश का पालन नहीं होने पर हेली कंपनी को केदारनाथ यात्रा के लिए कम से कम तीन वर्ष के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। साथ ही केदारघाटी के गांवों में जनसुविधाओं की बेहतरी के लिए हेली कंपनियों को यात्राकाल में अपनी कुल कमाई की पांच फीसदी धनराशि सीएसआर में देनी होगी।
हेलिकॉप्टर की गर्जना से प्रभावित होने वाले स्कूल
राजकीय प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूल देवर, प्राथमिक विद्यालय मस्ता, प्राथमिक विद्यालय नारायणकेाटी, जीआईसी नारायणकोटी, जूनियर हाईस्कूल मैखंडा, प्राथमिक विद्यालय खाट व खड़िया, जीआईसी फाटा और प्राथमिक विद्यालय शेरसी। एक दिन में हो रहे औसतन 180 शटल:- केदारनाथ यात्रा में सात हेली कंपनियों के सात हेलिकॉप्टर एक दिन में औसतन 180 से शटल कर रहे हैं। दिनभर केदारघाटी हेलिकाॅप्टरों की गर्जना से गूंज रही है। यही नहीं, हेलिकॉप्टरों से ध्वनि प्रदूषण भी हो रहा है जो आमजन से लेकर वन्य जीवों के लिए सही नहीं है। पूर्व में वन विभाग की ओर से किए गए शोध के अनुसार गुप्तकाशी से केदारनाथ तक हेलिकॉप्टर के टेक ऑफ से लेकर लैंडिंग तक औसत ध्वनि 74 डेसीबल से 108 डेसीबल तक है।वहीं जिला पंचायत सदस्य गुप्तकाशी गणेश तिवारी ने बताया हेलिकॉप्टरों के शोर से स्कूलों में पढ़ाई चौपट होकर रह गई है। इस संबंध में जिलाधिकारी से वार्ता हुई थी, जिसमें उन्होंने त्वरित कार्रवाई का भरोसा दिया था। डीएम का यह निर्देश सराहनीय है।