पहाड़ी रुटों पर तकनीकी खराबी के महीने भर में चार से पांच केस आ रहे सामने
श्रीनगर से निकली पर्वतीय डिपो की दो बसों के एक ही दिन थमे पहिये
श्रीनगर, गढ़वाल।उत्तराखंड परिवहन निगम का पर्वतीय डिपो अव्यवस्थाओं से गुजर रहा है।पर्वतीय डिपो की संचालित बीएस -4 बसों के पहिये पहाड़ी रुटों पर महीनेभर में अक्सर थम जा रहे हैं। दरअसल श्रीनगर डिपो से पर्वतीय डिपो की कुल 18 आने और जाने वाली बसों में कमी, खराबी व स्पेयर्स पार्ट अच्छी गुणवत्ता के न होने से बस हर महीने करीब चार से पांच बार चलते रुटों पर रुक जा रही है जिससे अपने निर्धारित गंतव्य को जाने वाली सवारियों को दिक्क़तों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा ही कुछ हुआ जब बीते सोमवार पांच मई को सुबह पांच बजे देहरादून से रवाना हुई बागेश्वर ग्वालदम जाने वाली बस 10बजे श्रीनगर डिपो से आगे के लिये निकली ही थी कि श्रीनगर के फरासू के पास तकनीकी खराबी के कारण रुक गई।बस के खराब होने की सूचना पर मैकेनिक को भेजा गया। कुछ देर बाद फॉल्ट सही होने पर बस आगे के लिये रवाना हुई थी कि सिरोबगड़ के पास फिर बस खराब हो गई।श्रीनगर डिपो द्वारा सवारियों की परेशानियों को देखते हुए उन्हें जोशीमठ तपोवन वाली बस में आगे भेजा गया।खबर लिखे जाने तक सोमवार को खराब हुई बस मंगलवार को भी सिरोबगड़ में खड़ी रही और मेकेनिकों को बस का फॉल्ट पकड़ने में मुश्किलें भी हुई। इतना ही नहीं,दूसरा मामला भी सोमवार का ही है जब श्रीनगर डिपो से जोशीमठ तपोवन की ओर निकली पर्वतीय डिपो की बस बद्रीनाथ राजमार्ग खांकरा नरकोटा के समीप खराब हो गई। काफी मशक्कत के बाद बस में सवार सवारियों को शिफ्ट कर औली जोशीमठ वाली बस में भेजा गया जबकि मैकेनिकों द्वारा बस को ठीक कर श्रीनगर वापस लाया गया।
पहाड़ी रुटों पर संचालित बसों की तबियत बुरी
उत्तराखंड परिवहन निगम श्रीनगर डिपो लेखाकार अशोक काला के अनुसार पहाड़ी रुटों पर संचालित हो रही बीएस- 4 बसों की तबियत बुरे दौर से गुजर रही है। काला ने बताया कि श्रीनगर डिपो से प्रतिदिन कुल 18 गाड़ियां आने-जाने वाली हैं जिनमें अधिकतर बसों में तकनीकी समस्यायें होने से वह पहाड़ी रास्तों पर रुक जा रही है।कहा कि बसों में स्पेयर्स पार्ट अच्छी क़्वालिटी के न होने से ज्यादा दिक्क़तें हो रही है। महीनेभर में चार से पांच बस खराब हो जाने के केस सामने आ रहे हैं।
श्रीनगर से पर्वतीय डिपो की बसों का रूट
परिवहन निगम पर्वतीय डिपो की श्रीनगर से
नागचुलाखाल, बागेश्वर-ग्वालदम, जोशीमठ-तपोवन, देवाल, गोपेश्वर मंडल, द्वाराहाट, नौटी देवलकोट, उखीमठ, हापला-पोखरी के लिये बसें संचालित होती हैं, जबकि देहरादून स्टेशन से त्रिपालीसैंण और बीरोंखाल के लिये बसें देवप्रयाग होते हुए तय रूट पर पहुँचती हैं।
तीन बसें यात्रा में जाने से भी दिक्क़तें,आय हुई कम
श्रीनगर डिपो लेखाकार अशोक काला ने बताया कि देहरादून, कोटद्वार और दिल्ली के लिये रवाना होने वाली बसों के चारधाम यात्रा में संचालित होने से सुबह-सुबह सवारियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। बताया कि तीनों बसों का संचालन सुबह सात, सवा सात और साढ़े नौ बजे होता था, लेकिन अब सवारियों को अन्य संचालित बसों में ऋषिकेश तक भेजा जा रहा है।काला ने बताया कि बसों के एक तरफ कम सवारियों में लौटने से श्रीनगर डिपो की आय में करीब पचास प्रतिशत कमी आई है, जबकि मार्च और अप्रैल माह में श्रीनगर डिपो ने राज्य के 20 रोडवेज डिपो में पहले नंबर पर आय को मजबूत किया है।
वर्कशाप में कर्मचारियों की कमी
श्रीनगर डिपो की वर्कशाप में मेकेनिक, टायर मैन, इलेक्ट्रीशियन व अन्य तकनीकी कर्मचारियों की कमी है। वर्तमान में तीन तकनीकी कर्मचारियों के बदौलत डिपो की समस्याओं का निवारण किया जा रहा है।
बस खराब होने की सूचना पर सवारियों के लिये व्यवस्था बनाई गई और आगे भेजा गया। फिलहाल खड़ी बस को ठीक करने के लिये मेकेनिक सामान के साथ श्रीनगर भेजा गया है। बस के मंगलवार शाम तक ठीक होने की उम्मीद है।
राकेश कुमार (सहायक महाप्रबंधक पर्वतीय डिपो )
डिपो में अव्यवस्थाओं को ठीक करने के प्रयास लगातार जारी हैं। बसों की संख्या के अनुसार ही तकनीकी कर्मचारियों की नियुक्ति की जाती है। भविष्य में डिपो की स्थिति को बेहतर करने के प्रयास जारी हैं।
प्रतीक जैन (एजीएम ऋषिकेश /श्रीनगर )