केदारनाथ पैदल मार्ग पर 31जुलाई को हुए भूस्खलन से सड़क व पैदल मार्ग हुए है क्षतिग्रस्त।
2013 की केदारनाथ आपदा में रेस्क्यू कार्यो के हीरो रहे कर्नल अजय कोठियाल ने केदारनाथ से सोनप्रयाग तक क्षतिग्रस्त पैदल मार्गो को किया निरीक्षण।
60 प्रतिशत पैदल मार्गो को अब तक किया गया तैयार।
केदारघाटी में हो रही लगातार बारिश बन रही है बाधा।
रुद्रप्रयाग । 2013 की केदारनाथ आपदा के हीरो व नीम संस्था कर्नल अजय कोठियाल ने 31 जुलाई को केदारनाथ पैदल मार्ग पर हुए भूस्खलन का जायजा लेकर सरकार को अपनी रिपोर्ट दी है। 31 जुलाई को केदारनाथ घाटी में सोनप्रयाग और केदारनाथ मन्दिर प्रांगण के बीच विभिन स्थानों में बादल फटने और तेज बारिश के कारण कई स्थानों पर दैवीय आपदा का कहर देखने को मिला।
इस घटना में मानव जीवन की हानि के साथ-साथ यात्रा मार्ग, पुल, सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं।
यात्रा स्थगित होने के कारण यात्रियों का दर्शन रुक गया है और विभिन्न
प्रकार के व्यापारियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। सितम्बर माह में यात्रा की संख्या आमतौर पर बढ़ने लगती है ऐसे में
3 नवम्बर तक यात्रा सुचारू रूप से चल सके, इस सिलसिले में मुख्यमंत्री,पुष्कर सिंह धामी ने एक बैठक में
विशेष निर्देश दिए ।जिसके तहत कर्नल अजय कोठियाल ने सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक का पैदल निरीक्षण किया
।
कोठियाल ने बताया कि कुल 11 स्थानों पर बड़े और छोटे स्तर पर सड़कों को नुकसान पहंचा है। जिला प्रशासन
और जिला पंचायत इस पर तेजी से कार्य कर रहे हैं।
बताया कि 7 सितंबर से 3 नवम्बर तक सुरक्षा को ध्यान में रखते हए यात्रा पूरी तरह से सुचारू रहने को लेकर कार्य किये जा रहें हैं
कहा कि हर टूटे स्थान पर सड़क 6 मीटर चौड़ी बनाई जाए ताकि यात्री, घोड़े-खच्चर, डंडी-कं डी वाले आसानी से चल सकें
साथ ही समयकाल के लिए SDRF, चिकित्सालय और अन्य सुविधाएं उपलब्ध रहें।SDRF, चिकित्सालय और अन्य दलों का गठन और कुछ स्थानों पर वैकल्पिक मार्ग का निर्माण 7 सितम्बर तक पूरा किया जाए।
रोजगार से प्रभावित होने वाले समुदाय जैसे तीर्थ पुरोहित घोड़े-खच्चर मालिक, होटल-दुकान
टैक्सी वाहन , टेंट कॉलोनी वाले, निर्माण कार्यो में लगे ठेकेदार, मजदूर आदि की रोजी पूरी तरह से
सुनिश्चित की जाए।
रामबाड़ा से केदारनाथ तक कार्यतेजी से चल रहा है। दो स्थानों पर रास्ता ज्यादा टूटा है,
जिस पर ज्यादा मेहनत की जरूरत है। बारिश कम होते ही कार्य की प्रगति और तेज हो जाएगी।
गौरीकु ण्ड से रामबाड़ा तक तीन स्थानों पर क्षति अधिक है। कार्य ठीक चल रहा
है और शीघ्र ही माल वाहक खच्चर सोनप्रयाग से आने लगेंगे, जिससे से निर्माण की गति तेज हो जाएगी। मनकुटिया के पास बड़ा स्लाइड जोन बना हआ है जहां लगातार बारिश के
कारण मलबा और पत्थर आ रहे हैं। बारिश कम होते ही यह प्रक्रिया रुक जाएगी। तब तक समय बचाने के लिए मशीनों और
मजदूरों द्वारा विभिन्न स्थानों पर जाले और पत्थर इकठ्ठा किये जा रहे हैं। यह स्थान सोनप्रयाग के नजदीक होने के कारण जल्दी ठीक हो जाएगा।. वैकल्पिक मार्ग को बायपास करने के लिए नदी की दूरी ओर 6 फीट के वैकल्पिक
मार्ग का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इस मार्ग को मुख्य रास्ते से जोड़ने के लिए दो पुलों का निर्माण भी तेजी से हो रहा है।कहा कि मुख्यमंत्री खुद यात्रा सुचारु करने की निगरानी कर रहे हैं। जिला प्रशासन दूसरे चरण की यात्रा की व्यवस्थाओं में दिन रात लगी हुई है 7 सितम्बर से 3 नवम्बर तक चलने वाली यात्रा सभी सुखद होगी।
बाइट-कर्नल अजय कोठियाल सेवानिवृत(पूर्व प्राचार्य नेहरू पर्वतारोहण संस्थान),प्रदेश प्रवक्ता भाजपा