टिहरी गढ़वाल-कीर्तिनगर तहसील के गोदी कोठार गांव निवासी आपदा प्रभावित किशोरी लाल एवं उनके भाई का परिवार 5 माह से प्राथमिक विद्यालय गोदी कोठार में रहने को मजबूर है। बीते साल 20 अगस्त को हुई अतिवृष्टि के कारण पहाड़ी से आये भारी मलबे में किशोरी लाल एवं उनके भाई के दो भवन पूर्ण क्षतिग्रस्त हो गए थे। जिसमें किशोरी लाल की माता 80 वर्षीय बुजुर्ग बचली देवी का मलबे की चपेट में आने से निधन हो गया था। प्रशासन द्वारा जेसीबी मशीन लगाकर उनका शव 4 दिन बाद बमुश्किल मलबे से बाहर निकाला गया। उस समय प्रशासन द्वारा दोनों परिवारों को भवनों की पूर्ण छति होने पर गृह अनुदान और मृतक मुआवजा राशि देकर प्राथमिक विद्यालय गोदी कोठार के दो कमरों में शिफ्ट कराया गया। साथ ही शीघ्र अन्यत्र विस्थापित किए जाने का आश्वासन दिया गया।
लेकिन प्रभावित परिवार का आरोप है कि प्रशासन ने अभी तक विस्थापन के लिए ठोस कार्यवाही नहीं की है। जिस कारण उन्हें बेहद दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रभावित किशोरी लाल का कहना है कि प्रशासन द्वारा अन्यत्र विस्थापित नहीं किये जाने से मेरा व मेरे भाई का परिवार विद्यालय के दो कमरों में ठंड से ठिठुर रहा है। मलबे की चपेट में आने से 12-12 कमरों के दो मकान सहित पूरा सामान क्षतिग्रस्त हो गया। उस समय जीआईसी पीपलीधार डागर के प्रवक्ता जसवंत लाल सहित कुछ अन्य शिक्षकों ने भी प्रभावित परिवार के लिए मदद के हाथ बढ़ाये। वहीं प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि प्रभावितों के विस्थापन का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था। लेकिन इनके नाम निजी भूमि दर्ज है। जिसके कारण कुछ तकनीकि दिक्कतें चल रही हैं। भवन निर्माण हेतु प्रभावितों द्वारा अपनी उपयुक्त भूमि बताये जाने पर आपदा फंड से इनके भवन निर्माण के लिए धनराशि जारी कर दी जायेगी।
14 अप्रैल को कैसी होगी बिटिया की शादी, सता रही चिंता
प्रभावित किशोरी लाल की बिटिया की 14 अप्रैल को शादी होनी है। लेकिन बिना घर के वह शादी का प्रबंध कैसे कर पाएंगे, इसकी चिंता उन्हें सताए जा रही है। उनके लिए तय समय पर बिटिया का विवाह करना एक चुनौती बन गया है। जबकि परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह होटल आदि जगहों पर शादी का प्रबंध कर सकें।