ब्यूरो-बुधवार 1 नवंबर को कालागढ़ टाइगर रिजर्व (KTR) वतनवासा और पाखरो पर्यटन जोन पर्यटकों के लिए खोल दिए गए। ऑनलाइन बुकिंग करने वाले पर्यटकों को कोटद्वार से वतनवास और पाखरो गेट से प्रवेश कराया जाएगा पर्यटक यहां बाघ, तेंदुए समेत अन्य वन्यजीवों को देख सकेंगे।
वहीं आपको बता दे कि इस पर्यटन जोन में वन्य जीवों का दीदार करने के लिए पर्यटकों को इस साल ज्यादा रकम चुकानी होगी। वन विभाग ने इसके प्रवेश शुल्क से लेकर विश्राम गृह शुल्क तक में बढ़ोतरी कर दी है। अब तक प्रति व्यक्ति से प्रवेश के लिए 200 रुपए लिए जा रहे थे वही अब इसको बढ़ाकर 500 रुपए कर दिया गया है। इसी तरह हद्दूपढ़ाव वन विश्राम गृह का एक रात का किराया 1250 रुपए से बढ़कर ₹2000 रूपए कर दिया गया है। बता दे पाखरो और इसके पास के मोरघट्टी, रथुवाढाब, और मुंडियापानी बंगलो का किराया भी 750 रूपए से 2000 रुपए दिया गया है।
बता दे इस साल कॉर्बेट प्रशाशन 15 दिन पहले पहले ही बुकिंग और गेट खोल रहा है। जबकि बीते पिछले वर्षों तक यह पर्यटन जोन मानसून सत्र के बाद 15 नवंबर से खोले जाते थे। और मानसून सत्र में 15 जून से इसके प्रवेश द्वारों को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था।
KTR के डीएफओ आशुतोष नाम बताएं कि कोटद्वार से करीब 25 किलोमीटर पर स्थित पाखरो जोन में करीब 36 किलोमीटर में पर्यटकों के लिए जिप्सी सफारी की बुकिंग कोटद्वार स्थित कॉर्बेट के रिसेप्शन सेंटर से शुरू कर दी गई है इसी तरह कोटद्वार से 47 किलोमीटर दूर दुगद्दा धुमाकोट मार्ग पर स्थित वतनवासा गेट से सोनानदी अभ्यारण के हद्दूपड़ाव जोन को भी बुधवार से खोल दिया गया है।पर्यटन की गतिविधियों से जुड़े लोगों का कहना है कि दोनों पर्यटन जोन भले ही 15 दिन पहले खोले जा रहे हैं, लेकिन यहां संचार, सड़क, बिजली की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। पर्यटकों के परमिट के बार कोड स्कैन करने के लिए भी अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जिप्सी सफारी ट्रैक की हालत काफी खराब है। झाड़ियाें की सफाई नहीं होने से वन्यजीव भी कम ही नजर नहीं आएंगे।