रुद्रप्रयाग-कालीमठ जिला पंचायत वार्ड के सदस्य विनोद राणा ने सरकार, प्रशासन और विधायकों पर खनन न्यास निधि के धन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि खनन न्यास निधि का धन खनन प्रभावित क्षेत्र के विकास के लिए ही खर्च किया जाना चाहिए न कि अन्य जगहों के लिए इस धन को आवंटित किया जाना चाहिए।
प्रेस को जारी बयान में कालीमठ वार्ड के जिला पंचायत सदस्य विनोद राणा ने कहा कि इस मामले में जनपदवासी भी अनविज्ञ है। कहा कि कालीमठ वार्ड की मद्महेश्वर घाटी के अन्दर हर वर्ष करोड़ों रुपये का खनन चल रहा है। वर्ष 2003 से हर वर्ष सरकार और प्रशासन को करोड़ों रुपये का राजस्व मिल रहा है किंतु ताज्जुब यह है कि इस अवधि में जिला प्रशासन और सरकार की ओर से एक पानी का टेंकर और एक कूडादान तक मनसूना बाजार में नहीं है। जबकि इस घाटी से 24 सालों के भीतर करीब 20 से 25 करोड़ रुपये राजस्व के रूप में दे चुकी है। कहा कि जनपद में खनन न्यास निधि का पैसा आवाभगत और मोनॉपाली की भेंट चढ़ गया है। उन्होंने कहा कि वह स्वयं कालीमठ वार्ड में न्यास निधि से होने वाले कार्यो को लेकर सरकार, जिला प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं। यहां तक कि अति संवेदनशील कालीमठ वार्ड में न्यास निधि से होने वाले कार्यो से उनके स्टीमेट सूची से बाहर कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जुगासू-मनसूना सड़क की स्थिति काफी खराब है। धूल से लोग परेशान है। टेंकर से पानी छिड़काव की कोई व्यवस्था नहीं है। वार्ड के अर्न्तगत पैदल मार्ग, मोटर मार्ग क्षतिग्रस्त हैं। विकास कार्य आधा अधूरा है। कहा कि ऊखीमठ-उनियाणा-रांसी मोटर मार्ग पर गड्डे पडे हैं। अस्पताल, स्कूलों की स्थिति खराब है। कहा कि यदि शीघ्र मांग और समस्या पर कार्रवाई नहीं की गई तो क्षेत्रीय जनता को एकजुट कर आंदोलन शुरू किया जाएगा।