पहाड़वासी-चारधाम यात्रा के चलते पर्वतीय रूटों की प्रभावित परिवहन व्यवस्था अब धीरे-धीरे सामान्य होने लगी है। ऋषिकेश से नई टिहरी, बौराणी जाने वाले तीन बसों का संचालन बुधवार से शुरू हो गया है। यह बसें बीते एक महीने से बंद चल रही थीं। उत्तरकाशी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग की बस सेवाएं भी नियमित होने लगी हैं। परिवहन व्यवस्था के पटरी पर लौटने से स्थानीय सवारियों को राहत मिलने लगी है।तीन मई से चारधाम यात्रा का आगाज हुआ। शुरुआत में ही यात्रा के रफ्तार पकड़ने से पहाड़ के रूटों पर संचालित बसों को भी यात्रा में चलाने से परिवहन व्यवस्था प्रभावित हो गई थी। बसों की कमी के चलते परिवहन कंपनियों को पहाड़ी रूटों की कई नियमित बस सेवाओं में कटौती करनी पड़ी तो कुछ सेवाएं बंद करनी पड़ी। इससे ऋषिकेश से पर्वतीय क्षेत्र के विभिन्न रूटों पर जाने वाली सवारियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। 15 जून से चारधाम यात्रा के धीमा पड़ने से लोकल रूटों पर बसों की कमी दूर हो गई है। टीजीएमओ और यातायात एवं पर्यटन के संयुक्त लोकल रोटेशन की पिछले डेढ़ महीने से बंद चल रही टिहरी रूट की तीन बस सेवाओं को बुधवार से शुरू किया गया। साथ ही ऋषिकेश से घनसाली की चार बस सेवाओं में से प्रभावित चल रही दो बसों का संचालन भी सुचारु हो गया है।
यातायात एवं पर्यटन सहकारी संघ के मुताबिक बसों की कमी के चलते स्थगित चल रही तीन बस सेवाएं बुधवार को शुरू की गई। इनमें ऋषिकेश से दोपहर 3 बजे नई टिहरी, ऋषिकेश से दोपहर 3:30 बजे नई टिहरी और शाम 4 बजे रैबार ऋषिकेश से नई टिहरी-बौराणी बस सेवा को शुरू किया गया है।जीएमओयू की ऋषिकेश से नंदप्रयाग घाट, पौड़ी, गौरीकुंड, जोशीमठ, लालढांग, कर्णप्रयाग आदि रूटों पर 20 नियमित बस सेवाएं हैं। बसों की कमी के चलते पिछले डेढ़ महीने से जीएमओयू की 80 प्रतिशत सेवाएं प्रभावित चल रही थीं। अब बसों की कमी दूर होने पर 20 में से 12 बस सेवाएं निर्धारित समय सारणी के अनुसार रूटों पर दौड़ने लगी हैं। जीएमओयू के प्रभारी जितेंद्र चौधरी ने बताया कि ऋषिकेश से गैंडखाल-सिलोगी रूट के लिए दो बस सेवाएं एक सुबह 6:15 बजे और दूसरी सुबह 8:15 बजे पिछले तीन महीने से बंद हैं। शुक्रवार से बंद चल रही इन बस सेवाओं को शुरू किया जाएगा।