रुद्रप्रयाग-श्री केदारनाथ धाम पैदल यात्रा मार्ग पर घोड़े- खच्चरों का भी विशेष योगदान रहता है,जिसमे जरूरी खाद्य सामग्री से लेकर यात्रियों को ले जाने लाने तक हो।ऐसे में जरूरी है कि इन घोड़े खच्चरो की देखभाल भी उतनी ही महत्त्वपूर्ण हो जाती है। जितनी कि हर आदमी की होती है।
गौरीकुंड में तैनात सेक्टर अधिकारी अनिल कुमार ने अवगत कराया है कि केदारनाथ यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों की निरंतर निगरानी करते हुए चैकिंग की जा रही है तथा जो घोड़े-खच्चर जिनके पीठ में घाव व पैर में चोट के कारण लंगड़ा कर चल रहे हैं ऐसे घोड़े-खच्चरों की जांच कर तथा जिनके पीठ में घाव एवं पैर में चोट लगी है उनके संचालकों एवं मालिकों पर चालान की कार्यवाही करते हुए यात्रा मार्ग से हटाते हुए उन्हें उपचार हेतु पशु चिकित्सालय को भेजा जा रहा है।उन्होंने अवगत कराया है कि बकार अहमद राहतपुर खुर्द तहसील नजीवाबाद घोड़े की पीठ में घाव हो रखा था जिनके द्वारा खच्चर से सामान की ढुलान किया जा रहा था जिसका चालान करते हुए उक्त घोड़े को उपचार हेतु पशु चिकित्सालय गौरीकुंड को भेजा गया है।उन्होंने यह भी अवगत कराया है कि टीम द्वारा आज सात अन्य घोड़े-खच्चरों की चैकिंग के दौरान पाया गया कि पीठ में घाव व पैर में चोट होने के कारण यात्रा मार्ग से हटाते हुए उन्हें उपचार हेतु पशु चिकित्सालय गौरीकुंड भेजा गया है।वही आपको बताते चलें कि विगत दिनों जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि केदारनाथ यात्रा मार्ग में किसी भी दशा में घायल,बीमार,कमजोर एवं बिना पंजीकरण के घोड़े-खच्चरों का संचालन न हो इसके लिए सेक्टर एवं सहायक सेक्टर अधिकारी व म्यूल टास्क फोर्स व डीडीआरएफ की टीम को चैकिंग व उचित कार्यवाही कर संबंधित के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने के आदेश दिए गए हैं।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ.अशोक कुमार ने अवगत कराया है कि केदारनाथ यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चर जो बीमार एवं घायल हुए हैं ऐसे 3730 घोड़े-खच्चरों का उपचार किया गया है तथा 15651 घोड़े-खच्चरों का निरीक्षण किया गया है तथा यात्रा हेतु अयोग्य घोड़े-खच्चरों की संख्या 469 है,215 घोड़े-खच्चर मालिकों एवं संचालकों का चालान किया गया है तथा 16 व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है।