चमोली-नीती घाटी की खुशहाली और सुख-समृद्धि के लिए 12 साल में सिद्धपीठ चौसठ मुखी नंदा की देवरा यात्रा होती है।जिसमें नीती घाटी के लोग मां नंदा को मायके बुलाकर विशेष पूजा-अर्चना कर मनोती मांगते है। इस बार कोरोना के चलते नंदा जात का आयोजन 13 साल बाद हो रहा है।रविवार को सिद्धपीठ मां नंदा देवी मंदिर के अथिति गृह में समिति की एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें इस देवरा यात्रा को सफल और भव्य बनाने पर चर्चा की गई।आपको बता दें कि देवरा यात्रा का आयोजन 6 सितंबर से शुरू होकर 30 सितंबर तक चलेगा। लाता की चौसठ मुखी नंदा 24 दिनों तक 22 गांवों का भ्रमण करेगी। मन्दिर समिति के कोषाध्यक्ष धीरेंद्र गडोरिया का कहना है कि सिद्धपीठ चौसठ मुखी नंदा की देवरा यात्रा 6 सितम्बर से शुरू होगी। इस दौरान जात नीती घाटी के 22 गांवों का भ्रमण करेगी। बैठक में फैसला लिया गया कि झेलम, मलारी, नीती गांव में मुखोटा नृत्य होगा। नीती घाटी के 22 गांवों में खुशहाली और सुख-समृद्धि को लेकर इस मेले का आयोजन किया जाता है।