रुद्रप्रयाग-विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट आज वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार की उत्सव डोली ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान कर गई। पहले दिन डोली रामपुर में रात्रि विश्राम करेगी। कपाट बंद होने के मौके पर बड़ी संख्या में तीर्थ यात्रियों एवं स्थानीय लोगों ने बाबा केदार से आशीर्वाद लिया।बुधवार सुबह 2 बजे से 4 बजे तक सामान्य दर्शन की प्रक्रिया शुरू हुई। जबकि 5 से 6 बजे तक भगवान केदारनाथ की समाधि पूजा की गई। सुबह 6 बजे मंदिर के गर्भ गृह का दरवाजा बंद कर दिया। इसके बाद सभा मंडप में डोली की पूजा अर्चना के बाद 8:30 बजे केदारनाथ मंदिर का मुख्य द्वार बंद कर दिया गया। इस मौके पर बम बम भोले,जय बाबा केदार के जयघोषों के साथ डोली को ऊखीमठ के लिए प्रस्थान किया गया। कड़ाके की सर्दी के बीच बड़ी संख्या में तीर्थ यात्रियों एवं स्थानीय लोगों ने इस अवसर पर बाबा केदार से आशीर्वाद लिया। बता दें कल 16 नवंबर को डोली गुप्तकाशी पहुंचेगी जबकि 17 नवंबर को डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान होगी। जहां अब शीतकाल में 6 महीने तक भगवान केदारनाथ की पूजा अर्चना की जाएगी।इस साल साढे 19 लाख से अधिक तीर्थ यात्रा ने बाबा केदार के दर्शन किए हैं। कपाट बंद होने के मौके पर असम के मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी रिनिकी भयान शर्मा, बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, सीईओ योगेंद्र सिंह, कार्यकारी आरसी तिवारी, केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।