रुद्रप्रयाग-उत्तराखंड में गैरसैंण सत्र के विरोध का नया तरीका सामने आया हैं विधायक मुख्यमंत्री को पत्र लिख रहे हैं और शीतकाल में गैरसैंण में सत्र ना कराने की मांग कर रहे हैं लेकिन बड़ा सवाल यह है कि ना तो ग्रीष्मकालीन सत्र गैरसैंण में हो रहा है और ना ही शीतकालीन। उत्तराखंड में कैट्स एंड में अंतिम सत्र 2021 की मार्च में हुआ था जिसके दौरान त्रिवेंद्र सिंह रावत की मुख्यमंत्री की कुर्सी चली गई थी।उसके बाद से गैरसैंण वीरान ही पड़ा है,सरकार अगर गैरसैंण जाने का मन भी बना लें लेकिन जिस तरह से विधायकों का रवैया है उससे निराशा दिखाई दे रही है। अभी तक मैदानी जिले के दो और एक पहाड़ी जिले के विधायक ने गैरसैण में सत्र ना करने का आग्रह किया है मैदानी जिले के विधायकों की भले भावना ना हो लेकिन पहाड़ी जिलों के विधायक भी गैरसैंण जाने से कन्नी काट रहें है।यानि ग्रीष्म काल में चार धाम के चलते गैरसैंण में सत्र नहीं होगा।शीतकाल में विधायकों के विरोध के चलते सत्र नहीं होगा।
यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर विधानसभा का आगामी शीतकालीन सत्र देहरादून में आयोजित करवाने का अनुरोध किया है। 2 नवंबर 2022 को प्रेषित अपने पत्र में यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल ने मुख्यमंत्री धामी से अनुरोध किया है कि उत्तराखण्ड की आमजन भावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए ग्रीष्मकालीन विधानसभा सत्र को गैरसैंण तथा शीतकालीन विधानसभा सत्र देहरादून में संपन्न कराया जाए।बता दें इससे पूर्व 1 नवंबर 2022 को खानपुर विधायक उमेश कुमार तथा लक्सर विधायक शहजाद ने भी पत्रों के माध्यम से विधानसभा का आगामी शीतकालीन सत्र देहरादून में आयोजित करवाने का अनुरोध किया है। खानपुर विधायक उमेश कुमार ने उत्तराखण्ड में आमजन की भावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए ग्रीष्मकालीन विधानसभा सत्र को गैरसैण में तथा शीतकालीन विधानसभा सत्र देहरादून में संपन्न कराए जाने तथा लक्सर विधायक शहजाद ने गैरसैण में अत्यधिक ओलावृष्टि, वर्षा तथा निरन्तर हिमपात होने के कारण विधानसभा का शीतकालीन सत्र देहरादून में ही आयोजित करवाने का आग्रह किया है।