रुद्रप्रयाग-उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव को पत्र लिखकरश्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति में हो रहे व्याप्त भ्रष्टाचार व भाई भतीजावाद , नियम विरुद्ध प्रमोशन, एवं तबादलों को रद्द करने व आय से अधिक संपत्ति की विस्तृत जांच की मांग उठाई है उन्होंने पत्र में लिखते हुए कहा कि क बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति में पिछले कुछ माह से जमकर भ्रष्टाचार भाई भतीजावाद वह नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है जहां पर यात्रियों को सुविधा देने के लिए श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति का गठन किया गया वहीं पर समिति के अध्यक्ष द्वारा तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर कार्य किया जा रहा है जिससे करोड़ों हिंदुओं की आस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है क्योंकि आए दिन नियम विरुद्ध कार्य होने से बद्री केदार मंदिर समिति व सरकार की छवि धूमिल हो रही है जहां पर समिति के अध्यक्ष की गलत कार्यप्रणाली के चलते लगातार मंदिर समिति में समिति के अध्यक्ष एवं कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा भ्रष्टाचार के बड़े बड़े मामलों को अंजाम दिया जा रहा है उससे जनता भी अचंभित है साथ ही समिति को देश विदेश के श्रद्धालु एवं दानी दाताओं के पैसों से चलाया जाता है लेकिन कुछ अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा लगातार वित्तीय अनियमितताओं को अंजाम देकर मंदिर समिति को भ्रष्टाचार का अखाड़ा बना दिया गया जिस पर जांच होनी नितांत आवश्यक है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सूरज नेगी ने कहा किश्री बदरीनाथ श्री केदारनाथ मंदिर समिति में वर्ष 2022 में यात्रा सीजन शुरू होने से पूर्व ही अनियमिताओं का बोलबाला सामने आने लगा था। स्थिति स्पष्टतौर से तब सामने आयी जब बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने अपने स्वयं सेवक भाई अनिल भट्ट को रूद्रप्रयाग विश्रामगृह का प्रवन्धक का चार्ज दिला दिया जिसमें जिसमें उस कार्यालय प्रभारी के हस्ताक्षर हैं जो आदेश जारी करने के लिए मान्य ही नहीं है जबकि आदेश करने वाले कर्मचारी/ अधिकारी पर पहले से ही भ्रष्टाचार की जांच चल रही हैऔर अपने भाई की वेतन में भी अचानक 8 हजार की वृद्वि की गयी। कर्मचारियों ने इसका भारी विरोध किया तो यह बात प्रकाश में आयी जो कि भाई को प्रवन्धक का चार्ज दिलाना और वेतन में वृद्वि करना बीकेटीसी के अध्यक्ष का प्रथम भष्ट्राचार सामने आया और भाजपा सरकार की पोल खुली।
वहीं नेगी ने आरोप लगाते हुए कहा किबीकेटीसी में जब से अजेन्द्र अजय अध्यक्ष बने तब से अब तक 10 महिने में यहां कई मामले सामने आये है। यहां के सीईओं तो अवकाश पर रहते है। लेकिन अध्यक्ष की सह पर जो सीईओं के चार्ज लेने लायक नही थे उन्ही लेखाधिकारी को सीईओं का चार्ज दिया जाता है। नियमों को तहस नहस करने वाले ये अधिकारी और समिति द्वारा प्रमोशन के लिए एक उपसमिति बनाती है। जिसमें उन्हीं लोगों को सदस्य बनाया जाता है जिनके प्रमोशन होने है। यहां अध्यक्ष की अनुशंसा पर बोर्ड बैठक 16/4/2022 पर बीकेटीसी के अध्यक्ष का अनुमोदन एवं तत्क्रम में श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति की बोर्ड बैठक 3 अगस्त 2022 के पारित प्रस्ताव संख्या 10 के अनुपालन में श्री बदरीनाथ केदारनाथ मन्दिर समिति में कर्मचारियों की पदोन्नति की जाती है। जिसमें नियमों को तार तार कर दिया जाता है।
कांग्रेस प्रवक्ता नेगी ने कहा कि यहां नियुक्ति समिति में लेखाकार सुनील तिवाड़ी सदस्य बनते है। हालात यह हैं किवेअपनीनियुक्तिउपमुख्यकार्याधिकारी के पद पर करते है जो हो ही नही सकता यहां तक सुनील तिवाड़ी द्वारा तो विकल्प भी पहले दिया गया था कि वो लेखा अधिकारी के पद से ऊपर नहीं जाएंगे जो जांच का एक और बड़ा मामला है। उन्होंने कहा कि इसी तरह वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी गिरीश चौहान, राजकुमार नौटियाल, व कुलदीप भट्ट भी शामिल है। यहां अध्यक्ष पर आरोप यह वे नियमों को ताक पर रख कर समिति चला रहे है। जबकि वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी गिरीश चौहान पर शासन द्वारा इनके वेतनमानों पर जांच मांगी गयी है। यह एक बार नही पांच बार मांगी गयी है।
प्रवक्ता नेगी ने कहा कि बद्री केदार मंदिर समिति में नियमों को तार तार करने में सुनील तिवाड़ी की भूमिका पूरी तरह संदेह के घेरे में है यह खेल तब खेला गया जब तत्कालीन सीईओं बीडी सिंह उपार्जित अवकाश पर थे। तब वरिष्ठ प्रसाशनिक अधिकारी गिरीश चौहान द्वारा समिति को भ्रम रख कर सीनियर को सिनियर न बता कर बीकेटीसी के अध्यक्ष से सुनील तिवाडी को सीईओ का चार्ज दिलाया गया। कारण साफ है कि किसी अन्य को चार्च दिलाया जाता तो जो जांच इन दिनो पर चल रही है इससे वे पदच्युत होते। जब इन्होंने पदोन्नति कर तब पूर्व सीईओ अवकाश से लौट चुके थे पर सीईओं बीडी सिंह ने इन पदोन्नतियों पर हस्ताक्षर नही किये जिससे साफ है यहां फर्जी कार्य हुआ। सच तो यह कि इस पदोन्नति समिति में न तो वोर्ड में संबंधित जिले के जिलाधिकारी का प्रतिनिधि था, ना ही अल्पसंख्यक का अधिकारी जिसका ग्रेट पे 5400 हो। ये तब भी नही ठहरे इन्होंने 7 जुलाई से 7 अगस्त तक प्रभारी सीईओ के हस्ताक्षर करवायें इन पदोन्नतियों पर जबकि इस बीच सीईओ कार्य पर लौट चुके थे। और बडी चाल चलकर अध्यक्ष का अनुमोदन करवाया गया। इससे साफ कि नियम इनके लिए मायने नही रखते।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बीकेटीसी के अध्यक्ष ने यहां मध्ययात्रा के दौरान 70 कर्मचारियों के तबादले किये है जो नियमों को तार तार करने वाला काम है। आखिर तबादलों और पदोन्नति में मोटी रकम लेकर यह कार्य करने की बात सामने आयी है जिसकी सर्तकता विभाग से जांच जरूरी है।
वहीं उन्होंने कहा कि श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति में तैनात सुनील तिवारी अनिल ध्यानी राजकुमार नौटियाल आरसी तिवारी एवं गिरीश चौहान जैसे अधिकारी /कर्मचारियों के पास अकूत धन संपदा है यहां आय से अधिक संपति के मामले में भी इनकी जांच जरूरी है।वहीं मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने कहा कि बद्री केदार मंदिर जो कि सरकार का एक उपक्रम है वही समिति में सैकड़ों कर्मचारी कार्यरत हैं जो शासन की गाइड लाइन के अनुसार कार्य करते हैं वहां पर अनियमितताओं को मंदिर समिति के अध्यक्ष के इशारे पर अंजाम दिया जा रहा है जिससे भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारियों के हौसले बुलंद हैं उन्होंने मुख्यमंत्री को याद दिलाया कि हाल ही में जनपद रुद्रप्रयाग से जाते हुए उन्होंने केदारनाथ बाबा की कसम खाई थी और कहा था कि भ्रष्टाचारियों को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे लेकिन श्री नेगी ने मुख्यमंत्री को बद्री केदार मंदिर समिति के अंदर हो रहे भ्रष्टाचार पर इशारा करते हुए कहा कि इस पर भी जनता को आपके न्याय का इंतजार रहेगा।