गुप्तकाशी– महाकवि कालिदास भू-स्मारक समिति कविल्ठा के तत्वावधान में त्रिदिवसीय महाकवि कालिदास समारोह प्रारंभ हो गया है।इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए संस्कृत प्रेमी विद्वानों ने कालिदास की जन्म स्थली को लेकर शोध पत्रों का वाचन भी किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए पूर्व प्रधानाचार्य निम कर्नल अजय कोठियाल ने कहा कि यह पहाड़ के लिए गौरव की बात है, कि काली नदी के तट पर स्थित इस गांव में महाकवि कालिदास का जन्म हुआ था। उन्होंने कहा कि महामूर्ख कालीदास कैसे सिद्धपीठ कालीमाई कालीमठ के आशीर्वाद से विश्व के सर्वश्रेष्ठ विद्वानों में अपना नाम शुमार किया। कहा कि कार्यक्रम के दौरान महाकवि कालिदास के जन्म तथा उनके महाकाव्य से संबंधित विभिन्न नृत्य नाटिका तथा भाषण प्रस्तुत कर रहे छोटे-छोटे नौनिहालों के लिए भविष्य में बेहतर मंच सजाया जाएगा । इससे पूर्व मुख्य अतिथि और अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर महाकवि कालिदास की मूर्ति का अनावरण किया । आगामी 6 नवंबर को एक विद्वान को महाकवि कालिदास सम्मान से नवाजा जाएगा।
कार्यक्रम में प्राथमिक विद्यालय कविल्ठ के छात्र-छात्राओं द्वारा स्वागत गान ,सरस्वती वंदना समेत महिला मंगल दल की महिलाओं द्वारा मंगल गान भी गाए गए । कार्यक्रम के दौरान सभी अतिथियों का बैच अलंकरण कर उन्हें स्मृति चिन्ह भी प्रदान किए गए।
समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ने कहा कि गत कई वर्षों से इस गांव में महाकवि कालिदास के जन्मस्थली के पक्ष में विभिन्न शोध पत्रों का वाचन किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि महाकवि कालिदास की जन्मस्थली के इर्द-गिर्द ऐसे ऐसे क्षेत्र , मठ, नदियां, पहाड़ आदि स्थित हैं ,जिनका महाकवि कालिदास के महाकाव्य में वर्णन मिलता है ।
समिति के महामंत्री सुरेशानंद गौड़ ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान मनोज सेमवाल, लखपत सिंह राणा, उपहार समिति के अध्यक्ष बिपिन सेमवाल, पूर्व खंड विकास अधिकारी सुरेंद्र नौटियाल ,भगवती मंडोली, लक्ष्मण सिंह सरकारी , चंद्र प्रकाश गौड़, रमेश भट्ट, मनवर चौहान समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।