ब्यूरो:-उत्तराखंड में बौछारों का दौर जारी है। ज्यादातर क्षेत्रों में बादलों के डेरे में मध्यम से तीव्र वर्षा हो रही है। उत्तराखंड में निरंतर हो रही वर्षा के कारण नदियों के जल स्तर में वृद्धि ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। शुक्रवार को खासकर कुमाऊं में भारी वर्षा का क्रम बना हुआ है। मौसम विभाग की ओर से आज भी प्रदेश के कई इलाकों में गरज-चमक के साथ तीव्र बौछारें पड़ने और कहीं-कहीं भारी वर्षा को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।प्रदेश में मानसून की वर्षा ने जोर पकड़ लिया है। ज्यादातर क्षेत्रों में तेज बौछारों के एक से दो दौर हो रहे हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार अगले चार दिन प्रदेश में मौसम का मिजाज बदला रहने का अनुमान है। राज्य में कहीं-कहीं भारी वर्षा के आसार हैं। खासकर कुमाऊं के ऊधमसिंह नगर, बागेश्वर, चंपावत और नैनीताल में भारी वर्षा को लेकर ऑरेंज अलर्ट है। वहीं, देहरादून, हरिद्वार व आसपास के क्षेत्रों में भी भारी वर्षा या तीव्र बौछारें पड़ सकती हैं।वहीं उत्तराखंड में निरंतर हो रही वर्षा के कारण नदियों के जल स्तर में वृद्धि ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। इस क्रम में सचिव आपदा प्रबंधन डा रंजीत कुमार सिन्हा के निर्देश पर राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने हरिद्वार, नैनीताल व पिथौरागढ़ के जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर अपने-अपने क्षेत्रों में विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वर्षाकाल में किसी भी अधिकारी व कर्मचारी के मोबाइल फोन स्विच आफ नहीं रहेंगे।इसके अलावा आपदा प्रबंधन के दृष्टिगत आवश्यक उपकरण, सामग्री व वाहनों की व्यवस्था सुनिश्चित रखने, नागरिकों के फंसे होने की स्थिति में उनके लिए खाद्य सामग्री व मेडिकल सुविधा की व्यवस्था करने, प्रतिकूल मौसम व भारी वर्षा की चेतावनी के दौरान उच्च हिमालयी क्षेत्र में पर्यटकों के आवागमन की अनुमति न देने संबंधी निर्देश भी दिए गए हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से जारी निर्देशों में केंद्रीय जल आयोग से मिली जानकारी का हवाला देते हुए कहा गया है कि हरिद्वार में बाणगंगा (रायसी), पिथौरागढ़ में धौलीगंगा (कनज्योति) व नैनीताल में कोसी (बेतालघाट) में नदियों के जल स्तर में वृद्धि हो रही है। इसे देखते हुए जिलाधिकारियों से इन क्षेत्रों में प्रत्येक स्तर पर तत्परता व सुरक्षा बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।