अल्मोड़ा-विकासखंड मुख्यालय से सटे कैहड़गांव में दो दिनों से जंगल धधक रहे हैं। इससे लाखों की वन संपदा को खासा नुकसान पहुंचा है। इसके बावजूद वन की सुरक्षा के दावे करने वाला वन विभाग के कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंच सके हैं।स्याल्दे के कैहड़गांव में दो दिनों से जंगलों से उठता धुंए का गुबार इसका प्रमाण है। यहां के जंगल जलने से चीड़ के बड़े-बड़े पेड़ आग की चपेट में हैं। वन्यजीवों के अस्तित्व पर भी संकट के बादल हैं। इसके बावजूद 50 घंटे बाद भी वन कर्मी आग बुझाने के लिए मौके पर नहीं पहुंच सके हैं। बिमोला और बिसरा के जंगल भी पिछले तीन दिनों से सुलग रहे हैं। ग्रामीणों ने कई बार आग बुझाने का प्रयास किया लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा सका।कैहड़गांव के जंगलों में आग लगने से यहां से उठने वाला धुंआ आबादी वाले इलाकों में पहुंच रहा है जिससे लोगों की दिक्कत बढ़ गई है। क्षेत्र में धुंध छाई है। धुंए से बच्चे और बुजुर्ग बीमार होने लगे हैं। उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है।
वहीं रेंजर,जौरासी रेंज(स्याल्दे)विक्रम सिंह कैड़ाने बताया कि
इसके बावजूद आग बुझाने के प्रयास नहीं हो रहे।कैहड़गांव के जंगल में आग लगी है जिसे बुझाने के लिए विभागीय टीम भेजी गई है। जल्द ही आग पर काबू पा लिया जाएगा।